चार अप्रैल को आएगा इंजीनियर
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दुआ करें कोई आग से न जले
चार अप्रैल को आएगा इंजीनियर ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ रेखा झा कहती हैं कि फ्रीजर को बनाने के लिए पहले पत्र लिखा जा चुका है. चार अप्रैल को कंपनी का इंजीनियर इसे बनाने के लिए आयेगा. इसके बाद प्लाज्मा का संकट समाप्त हो जायेगा. एक महीने से खराब है प्लाज्मा को सुरक्षित रखने वाला […]
ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ रेखा झा कहती हैं कि फ्रीजर को बनाने के लिए पहले पत्र लिखा जा चुका है. चार अप्रैल को कंपनी का इंजीनियर इसे बनाने के लिए आयेगा. इसके बाद प्लाज्मा का संकट समाप्त हो जायेगा.
एक महीने से खराब है प्लाज्मा को सुरक्षित रखने वाला फ्रीजर
भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज स्थित ब्लड बैंक की सेहत ठीक नहीं है. करीब एक माह से ब्लड बैंक में प्लाज्मा को संरक्षित व सुरक्षित रखने वाला फ्रीजर खराब है, जिससे मरीजों को तत्काल प्लाज्मा नहीं मिल रहा है. अगर कोई गंभीर रूप से जला मरीज आता है या फिर किसी बच्चे को डिहाइड्रेशन की जरूरत है तो उसे तत्काल प्लाज्मा नहीं मिल पायेगा. आग से गंभीर रूप से जले लोगों व डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) से जूझ रहे बच्चों के इलाज में प्लाज्मा की जरूरत होती है.
दो से तीन घंटे में मिलता है प्लाज्मा : प्लाज्मा का स्टोरेज न होने से अगर किसी को प्लाज्मा की जरूरत होती है, तो उसे बल्ड सेप्रेटर मशीन से प्लाज्मा निकालने के बाद दिया जाता है. डोनर की जांच व खून से प्लाज्मा तैयार करने में करीब दो से तीन घंटे लग जाता है, तब तक जरूरत मंदों को इंतजार करने की मजबूरी होती है.
रक्तदाताओं को मीठा भी मयस्सर नहीं : रक्तदान के दौरान रिफ्रेश होने के लिए ब्लड बैंक की ओर से रक्तदाता को स्पंज रसगुल्ला व माजा और नमकीन नहीं दिया जाता है. इससे डोनर को अपनी जेब से इसे खरीदकर खाना-पीना पड़ता है.
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