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अपराधियों में खौफ पैदा करेंगी 1400 महिलाएं, महिला नहीं, मैं हूं पुलिस
कल तक बाबुल के घर कोमल, नन्ही, छोटी-सी गुड़िया व रानी बिटिया कहलाने वाली, आज काफी बदल गयी हैं. अब वह अबला नहीं, उनके बाजुओं में दम आ गया है. कर्णगढ़ सिपाही प्रशिक्षण केंद्र नाथनगर में प्रशिक्षण पा रहीं 1402 महिलाएं बहुत जल्द अपराधियों से दो-दो हाथ करने और उनमें खौफ पैदा करने मैदान में […]
कल तक बाबुल के घर कोमल, नन्ही, छोटी-सी गुड़िया व रानी बिटिया कहलाने वाली, आज काफी बदल गयी हैं. अब वह अबला नहीं, उनके बाजुओं में दम आ गया है. कर्णगढ़ सिपाही प्रशिक्षण केंद्र नाथनगर में प्रशिक्षण पा रहीं 1402 महिलाएं बहुत जल्द अपराधियों से दो-दो हाथ करने और उनमें खौफ पैदा करने मैदान में आ रही हैं. उनके कंधे पर सुरक्षा व्यवस्था की कमान होगी. उनकी आंखों की तेज, बूट की धमक, सैल्यूट करने के शानदार तरीके इस बात की गवाही दे रहे हैं कि अब वह क्षेत्र ही नहीं रहा, जहां महिलाओं की धाक नहीं.
भागलपुर : राज्य की 1402 महिलाएं कर्णगढ़ स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले रही हैं. अहले सुबह वरदी बूट और हाथ में राइफल थाम कर प्रगति परेड मैदान पर दौड़ पर लगाती हैं. यदि सब कुछ ठीक ठाक रही तो अगले साल की शुरुआत तक ये बिहार के कानून व्यवस्था की कमान संभाल लेंगी. इन्हें यहां बुनियादी प्रशिक्षण के पहले चरण के तहत आउट व इनडोर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पार्ट आॅफ ट्रेनिंग के तहत ये पूरे सीटीएस की सुरक्षा व्यवस्था की अभी से जिम्मेवारी संभाल रही हैं. आरक्षी गेट, मैंगजीन, मैदान व बैरक की मुस्तैदी से सुरक्षा कर रही है. आरक्षी गेट पर रात के अंदेरे में भी चार पांच की संख्या में ड्यूटी पर तैनात रहती हैं.
चर्च मैदान के निकट बन रहा दो मंजिला बैरक : सीटीएस प्राचार्य अभय कुमार लाल ने बताया कि पुलिस विभाग की ओर से पुलिस भवन निर्माण विभाग चर्च मैदान के निकट छह सौ बेड का दो मंजिला बैरक बना रहा है. यहां इन महिला प्रशिक्षृुओं को रखा जायेगा. सीटीएस प्रशासन की ओर से इन प्रशिक्षुओं को रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की जा रही है. प्रशिक्षण के पहले चरण के तहत आउट डोर व इनडोर प्रशिक्षण के अलावे ऑन स्पॉट प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अभी से इन्हें भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक सिस्टम, शस्त्र व आग्नेयास्त्र की जानकारी के अलावा कानून संबंधी जानकारी दी जा रही है. इनका नौ माह का ट्रेनिंग है. सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल के शुरू तक इनका प्रशिक्षण पूरा हो जायेगा. इनको सबसे पहले यह बताया जाता है कि अाप महिला नहीं है, अब आप एक पुलिस है. अापकों पुरुषों के समान ही कानून व्यवस्था की जिम्मेवारी निभानी है. कानून का राज्य कायम रखने में आपकी अहम भूमिका होगी.
बैरक दिखता है घर
महिला प्रशिक्षु भले ही अपने घर में नहीं हों, लेकिन सीटीएस बैरक को अपना घर सा बना लिया है. कल तक जिन बैरकों के अंदर गंदगी दिखती थी, वह अब चकाचक दिख रहा है. सीटीएस प्रशासन की ओर से इसका पूरा-पूरा ख्याल रखा जा रहा है. सभी शौचालय, बाथरूम, पानी टंकी , पेयजल, मेस आदि व्यवस्था पर काफी ध्यान दिया जा रहा है. गार्डेन में खिले खुशबूदार फूल व पत्तों से बड़ा ही खुशगवार वातावरण दिख रहा है.
पहले मां बाप भाई व परिजन करते थे सुरक्षा : अब समाज के सभी मां, बाप, भाई बहनों को सुरक्षा दूंगी. अब मैं अपराध के शिकार लोगों की मदद करूंगी. अपराधियों काे अब हमलोगों से डर लगेगा. कानून व्यवस्था को तोड़ने वालों को सजा दिलाने की जिम्मेवारी अब मेरी हो गयी है. अब मैं महिला नहीं एक पुलिस हूं.
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