भागलपुर: भारत सरकार के टैक्स रेवेन्यू में टीडीएस का बहुत बड़ा हिस्सा है. अब टीडीएस का पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गयी है. इससे टीडीएस काटने वाले सक्षम पदाधिकारी कई बार सही तरीके से ई-फाइलिंग नहीं कर पाते हैं.
इससे रिटर्न दाखिल करने वाले को उसका लाभ नहीं मिल पाता है और टीडीएस काटने वाले सक्षम पदाधिकारी पर जुर्माना आदि लग जाता है. इसमें जागरूकता की कमी है. इसी को लेकर बुधवार को टाउन हॉल में आयकर विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार में सभी निकासी व व्ययन पदाधिकारियों (डीडीओ) को टीडीएस काटने, इ-फाइलिंग आदि के संबंध में जागरूक किया गया.
आयकर आयुक्त (टीडीएस), पटना विनय कर्ण ने सेमिनार को संबोधित करते हुए टीडीएस के प्रावधान व उसकी बारीकियों के प्रति सभी को जागरूक करते हुए इसकी महत्ता बतायी. उन्होंने बताया कि टीडीएस काटना, रिटर्न व फाइलिंग अब सभी चीजें कंप्यूटराइज्ड कर दी गयी है. इसमें अभी इ-फाइलिंग में परेशानी आ रही है, जो कि टीडीएस काटने वाले की जवाबदेही है. नये प्रावधान के तहत रिटर्न स्टेटमेंट की इ-फाइलिंग नहीं करने पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि सरकारी संस्थानों में इसको लेकर ज्यादा परेशानी है, जबकि विभाग को इस मद में सबसे अधिक रेवेन्यू सरकारी संस्थानों से ही आता है. टैक्स रेवेन्यू का रुझान बताते हुए आयकर आयुक्त, टीडीएस श्री कर्ण ने बताया कि देश भर में औसतन 40 प्रतिशत टैक्स रेवेन्यू टीडीएस से आता है, जबकि बिहार-झारखंड में यह आंकड़ा लगभग 71 प्रतिशत के आसपास है.
सेमिनार के दौरान अतिरिक्त आयुक्त आयकर (टीडीएस), झारखंड अजीत श्रीवास्तव ने टीडीएस काटने व स्टेटमेंट फाइल करने की बारीकी से जानकारी दी. उन्होंने सभी डीडीओ को इ-फाइलिंग के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इसे सही तरीके से फाइल किया जाये, यह हमारा दायित्व है. मौके पर सहायक आयकर आयुक्त दलजीत सिंह पंढेर ने सेमिनार में सभी डीडीओ को टीडीएस दाखिल करने की तकनीकी पहलू की विस्तार से जानकारी दी. चार्टर्ड अकाउंट रवि प्रकाश साह ने तकनीकी समस्या के बारे में विस्तार से बताया. मौके पर भागलपुर के आयकर आयुक्त विजय कुमार, आइटीओ (टीडीएस) विजय रविदास, टैक्सेशन बार एसोसिएशन के सचिव शैलेंद्र सर्राफ सहित विभिन्न विभागों के डीडीओ, वकील, सीए आदि मौजूद थे.