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फर्जीवाड़ा: एक मिनट में बनाता था 15 टिकट, पकड़ाया
भागलपुर : फर्जी रूप से रेलवे टिकट बनानेवाले गिरोह के सदस्य दीपक कुमार चौधरी को भागलपुर आरपीएफ और बाराहाट पुलिस ने संयुक्त आॅपेशन चलाकर उसके बाराहाट के चिलबिल गांव स्थित घर से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह का सरगना मुंबई के कल्याण शहर निवासी रमेश कटरी है. दीपक के पास से पुलिस ने एक […]
भागलपुर : फर्जी रूप से रेलवे टिकट बनानेवाले गिरोह के सदस्य दीपक कुमार चौधरी को भागलपुर आरपीएफ और बाराहाट पुलिस ने संयुक्त आॅपेशन चलाकर उसके बाराहाट के चिलबिल गांव स्थित घर से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह का सरगना मुंबई के कल्याण शहर निवासी रमेश कटरी है. दीपक के पास से पुलिस ने एक डेस्क टॉप, एक लैपटॉप, 15 पासबुक, 50 फेक आइडी और 120 टिकट बरामद किया.
120 टिकट में से सौ टिकट तैयार था. दीपक अपने घर में ही रेलवे के वेबसाइट को हैक कर फेेक आइडी से 60 सेकेंड में 15 टिकट तैयार करता था.
रेलवे के बुकिंग क्लर्क का भी हाथ
गिरफ्तार दीपक ने कई चौकाने वाली जानकारियां दी है. उसने बताया कि इस काम में रेलवे के बुकिंग क्लर्क ने उसे एक एजेंट का नंबर दिया, जिसने उसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया. उसने बताया कि वह स्पार्क सॉफ्टवेयर से टिकट बनाता था और टोबो सॉफ्टवेयर से फॉर्म को तुरंत भर लेता था. उसने आरपीएफ इंस्पेक्टर अनुपम कुमार को कई अहम जानकारी दी और गिरोह के कई सदस्यों के नाम भी बताये. इसकी गिरफ्तारी के लिए रेलवे कोर्ट से सर्च वारंट निकला था. सुबह छह बजे ही आरपीएफ इंस्पेक्टर अकेले उसके घर ग्राहक बन कर गये थे. उनके साथ गयी सात सदस्यीय टीम बाहर ही खड़ी थी.
गिरोह के सदस्य भागलपुर में भी सक्रिय
दीपक की गिरफ्तारी के बाद जल्द ही गिरोह के कई सदस्य पुलिस की गिरफ्त में होंगे. उसने पुलिस को मुंबई के सरगना के अलावा अपने गैंग में शामिल कई सदस्यों के नाम भी बताये. पुलिस को इन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई और जानकारियां मिलेंगी. उसने गैंग में महिला सदस्य के अलावा बाराहाट के मनीष और अमरपुर के मुकेश के होने की बात बतायी. पुलिस को यह भी शक है कि इस गिरोह के सदस्य भागलपुर में भी सक्रिय हैं. दीपक अपने घर में तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर है. छोटा भाई बैंक में है, तो बड़ा भाई पॉल्ट्री फॉर्म चलाता है.
एक टिकट के बदले 300-500 रुपये
दीपक मुंबई, बनारस, पुणे, इलाहाबाद, कानपुर, गुजरात, इंदौर आदि जगहों का टिकट बनाता था. दीपक कुमार चौधरी के नाम से इसका अपना ट्रेवल एजेंसी था, लेकिन इसकी आड़ में फेक आइडी तैयार कर फर्जी टिकट तैयार करता था. हर दिन वह अपने सरगना को टिकट तैयार कर मुंबई मेल करता था. उसे एक टिकट के तीन सौ से पांच सौ मिलते थे. एक साल से वह रमेश कटरी गिरोह से जुड़ा था.
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