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जज साहब! पति को कहिये की बेटा को इंगलिश मीडियम में पढ़वाये

जज साहब! पति को कहिये की बेटा को इंगलिश मीडियम में पढ़वाये प्रधान न्यायाधीश की पीठ में ऑटो चालक विनोद की सुनवाई वरीय संवाददाता, भागलपुरकुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डॉ रामलखन सिंह यादव की कोर्ट में नाथनगर के ऑटो चालक विनोद व दीक्षा के बीच चल रहे परिवार वाद पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान […]

जज साहब! पति को कहिये की बेटा को इंगलिश मीडियम में पढ़वाये प्रधान न्यायाधीश की पीठ में ऑटो चालक विनोद की सुनवाई वरीय संवाददाता, भागलपुरकुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डॉ रामलखन सिंह यादव की कोर्ट में नाथनगर के ऑटो चालक विनोद व दीक्षा के बीच चल रहे परिवार वाद पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान दीक्षा ने कहा कि जज साहब! मेरे दोनों बच्चे(बेटा-बेटी) नानी के यहां रहते हैं, बेटा वहां इंगलिश मीडियम स्कूल में पढ़ता है. वह अपने पति से परेशान है, क्योंकि वह बच्चे को पढ़ाना नहीं चाहता और अपनी कमाई मां-पिताजी को देता है. इस पर प्रधान न्यायाधीश ने विनोद को कहा कि मां-पिताजी की सेवा करने के साथ पत्नी व बच्चों का पालन-पोषण भी करना जरूरी है. दीक्षा ने आरोप लगाया कि कई बार वह न्यायालय में सभी चीजों पर हामी भर लेते हैं और घर जाकर मुकर जाते हैं. वह सिर्फ इतना चाहती है कि उसके बेटे को नाथनगर में इंगलिश मीडियम में पढ़वाये. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अभी बच्चा यूकेजी में हैं और इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है. विनोद ने कहा कि वह अपनी कमाई के आधार पर ही स्कूल का चयन करुंगा, अगर स्कूल की फीस अधिक होगी तो वह कैसे पढ़ा पायेगा. समझौते के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने दोनों दंपति को बच्चों को पढ़ाने व साथ रहने के लिए समझाया. पीठ में पांच मामले निबटाये गये1. बीबी शायरा बनाम मो अब्दुल कयूम: वर्ष 2004 में दोनों की शादी हुई थी. सन्हौला के रहनेवाले दंपति ने लोक अदालत में अलग-अलग रहने की अपील की. इस पर पीठ ने 65000 रुपये का कंपनसेशन दिया. 2. रेखा कुमारी बनाम विनोद कुमार: 19 फरवरी 2007 में शादी हुई थी. इसमें रेखा कुमारी ने विनोद कुमार पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का वाद चलाया था. पीठ ने विनोद को आदेश दिया कि पत्नी व बेटा-बेटी के साथ रहे. इसके लिए पालन-पोषण को कोई राशि निर्धारित नहीं की. 3. बीबी शमीमा बनाम मो रियाब: पीठ ने मो रियाब को बच्चे व बीबी शमीमा को बगैर राशि के साथ रहने पर समझौता कराया. 4. मो सिराजुल बनाम बीबी यासमीन: पीठ ने मो सिराजुल को कहा कि बीबी यासमीन को अपने साथ रहने के लिए कहा. कोर्ट ने इसके बदले कोई पालन-पोषण की राशि नहीं लगाया. 5. राजेश सिंह बनाम रूबी देवी: पीठ ने राजेश सिंह को शादी संबंधी वाद में अपनी पत्नी रूबी देवी के साथ पारिवारिक जीवन व्यतीत करने के लिए कहा. वहीं पालन-पोषण की राशि का कोई निर्धारण नहीं किया.

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