भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में नियुक्त किये गये अतिथि शिक्षकों के मेहनताने पर अब तक लगभग 40 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. यह राशि अब तक कॉलेज फंड से दी गयी है.
कॉलेज से भुगतान की प्रक्रिया अधिक दिनों तक नहीं चल सकती और एकेडमिक काउंसिल ने भी फंड के अभाव को देखते हुए और इस तरह से भुगतान को सरकार के नियमों के प्रतिकूल मानते हुए अतिथि शिक्षकों से काम लेने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. लिहाजा अतिथि शिक्षकों से जुड़ी इस समस्या के समाधान के लिए शनिवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनके वर्मा मिलेंगे. कुलपति ने बताया कि शिक्षा विभाग से मिले दिशा-निर्देश के मुताबिक आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अतिथि शिक्षकों पर लगभग 10 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च हुआ है.
अब तक इनके ऊपर लगभग 40 लाख रुपये खर्च हो चुका है. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय में बुधवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई थी. काउंसिल ने यह निर्णय लिया था कि फंड नहीं रहने के कारण फिलहाल अतिथि शिक्षकों से पठन-पाठन का कार्य नहीं लिया जायेगा. इस निर्णय के बाद अतिथि शिक्षकों के बीच कोहराम-सी स्थिति बन गयी. इसके अगले ही दिन कुलपति ने यह बताया कि काउंसिल का निर्णय फिलहाल यथावत रहेगा, लेकिन इस पर प्रधानाचार्यो को कोई निर्देश तब तक नहीं दिया जायेगा जब तक कि शिक्षा विभाग से समाधान की दिशा में बात नहीं हो जाती.