सुलतानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन अभयारण्य सबसे बड़ाफोटो : आशुतोष-एसएमएस मिशन साइंसेज में आयोजित शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यशालासंवाददाता, भागलपुरवन प्रमंडल पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरे एशिया महाद्वीप में सुलतानगंज से लेकर कहलगांव तक का डॉल्फिन अभयारण्य सबसे बड़ा है. श्री सिन्हा ग्लोबल एन्वायरमेंटल आर्गेनाइजेशन (जियो) एवं पर्यावरण शिक्षण केंद्र लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में गांगेय डॉल्फिन संरक्षण कार्यक्रम के तहत एसएमएस मिशन साइंसेज, तिलकामांझी में आयोजित शिक्षण प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण व संवर्धन के लिए वन विभाग द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. विशिष्ट अतिथि डीएवी स्कूल के प्राचार्य केके सिन्हा ने कहा कि पौधे जीवनदाता हैं तथा गंगा जीवनदायिनी. डॉल्फिन संरक्षण से गंगा निर्मलीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा. कार्यक्रम के आरंभ में स्कूली बच्चों ने स्वागत गीत गाया. इसके बाद आगत अतिथियों काे माल्यार्पण कर स्वागत किया. गमले में उगाया गया चाइनीज पॉम दिया. विषय प्रवेश डॉ विभु कुमार राय ने किया. स्वागत भाषण एसएमएस मिशन साइंसेज के प्रधानाचार्य केके सिंह ने दी. इस अवसर पर सीइइ लखनऊ के प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर साकिब खान, दीप्ति चौहान, अतुल मिश्रा समेत गंगा के किनारे स्थित 20 स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की मौजूदगी रही.
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सुलतानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन अभयारण्य सबसे बड़ा
सुलतानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन अभयारण्य सबसे बड़ाफोटो : आशुतोष-एसएमएस मिशन साइंसेज में आयोजित शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यशालासंवाददाता, भागलपुरवन प्रमंडल पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरे एशिया महाद्वीप में सुलतानगंज से लेकर कहलगांव तक का डॉल्फिन अभयारण्य सबसे बड़ा है. श्री सिन्हा ग्लोबल एन्वायरमेंटल आर्गेनाइजेशन (जियो) एवं पर्यावरण शिक्षण केंद्र लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में […]
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