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लगातार मौत से डगमगायी श्रद्धालुओं की आस्था

भागलपुर: महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पा घाट में एक के बाद एक हत्या व संदिग्ध मौत से श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाने लगी है. बाबा वासुदेव खेतान की संदिग्ध मौत के बाद से आश्रम की शांति भंग हो गयी है. हमेशा श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला आश्रम शुक्रवार को खाली दिखा. लगभग सभी संतों ने अपने कमरे […]

भागलपुर: महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पा घाट में एक के बाद एक हत्या व संदिग्ध मौत से श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाने लगी है. बाबा वासुदेव खेतान की संदिग्ध मौत के बाद से आश्रम की शांति भंग हो गयी है. हमेशा श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला आश्रम शुक्रवार को खाली दिखा. लगभग सभी संतों ने अपने कमरे में ही भंडार से खाना मंगा कर भोजन किया.

आश्रम के सूत्र की मानें तो आश्रम में अब तक कई साधु-संन्यासियों की हत्या व संदिग्ध दशा में मौत हो चुकी है. केवल आचार्य श्री हरिनंदन बाबा के कार्यकाल में आधा दर्जन मौत हुई है. आश्रम में दयानंद बाबा की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इसके बाद ब्रह्नाचारी अशोक सिंह की मौत हो गयी. बताया जाता है कि श्री सिंह का शव तीन दिन तक बंद कमरे में ही रह गया था और आश्रम के साधु-सन्यांसियों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी.

महामंत्री सुमन बाबा की पंखा से टांग कर हत्या करने की धमकी देने मिलने के बाद उन्होंने आश्रम छोड़ दिया, लेकिन इस धमकी का उन पर ऐसा असर पड़ा कि आश्रम छोड़ने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने प्राण त्याग दिये. इसके बाद भानू बाबा की मौत संदिग्ध रूप से छत पर से गिरने से हुई. महर्षि मेंहीं साहित्यागार (बुक स्टॉल) में काम करने वाला अनिक बाबा की भी मौत संदिग्ध अवस्था में हुई. उन्हें आश्रम की ओर से 1500 रुपये मासिक मिलता था. बाबा कमलेश्वर पासवान को जब आश्रम की ओर से खाना-पीना नहीं मिलने लगा, तो उन्होंने मजबूरन आश्रम छोड़ दिया. बात में पता चला कि उनकी भी मौत हो गयी है. बताया जाता है कि उनकी मौत का भी कारण कहीं न कहीं आश्रम से प्रताड़ित होने के कारण हो गयी है.

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