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हादसों से भी नहीं ले रहे सबक

हादसों से भी नहीं ले रहे सबक……………………………………….अब तो मरम्मत कीजिए – सड़क पर गड्ढे बिगाड़ते हैं बाइक का बैलेंस, कभी टूटती है हड्डी, तो कभी जाती है जान-अजीज आ गये लोग, फिर भी जर्जर सड़कों पर चलने की मजबूरी -जिला प्रशासन भी संबंधित विभाग पर नहीं बना पा रहा दबावप्रभात खबर टोली, भागलपुर अलीगंज गंगटी […]

हादसों से भी नहीं ले रहे सबक……………………………………….अब तो मरम्मत कीजिए – सड़क पर गड्ढे बिगाड़ते हैं बाइक का बैलेंस, कभी टूटती है हड्डी, तो कभी जाती है जान-अजीज आ गये लोग, फिर भी जर्जर सड़कों पर चलने की मजबूरी -जिला प्रशासन भी संबंधित विभाग पर नहीं बना पा रहा दबावप्रभात खबर टोली, भागलपुर अलीगंज गंगटी गांव के पास भारत गैस के ट्रक से कुचल कर उर्दू बाजार के छात्र संजय मंडल की मौत हो गयी थी. यह हादसा जिस जगह पर हुआ था वहां काफी गहरा गड्ढा है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि ट्रक की चपेट में आने से पहले गड्ढे में संजय की बाइक का संतुलन बिगड़ गया था. यह पहला हादसा नहीं है, जब जर्जर सड़क के कारण शहर में जान गयी हो. बावजूद इसके सड़क निर्माण या मरम्मत की दिशा में संबंधित विभाग गंभीर नहीं हो रहा. लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं. लोगों की मजबूरी है कि उन्हें जर्जर सड़क पर चलना है.यहां एनएच व पथ निर्माण की सड़कों का एक सा हालशहर की सड़कें चाहे वह नेशनल हाइवे की हो या फिर पथ निर्माण विभाग अथवा नगर निगम की, जर्जर हैं. नेशनल हाइवे और पथ निर्माण विभाग की शहर में कई सड़कें हाल के दिनों में बनी हैं. लेकिन ये भी जर्जर हो गयी हैं. इसके बावजूद न तो संबंधित विभाग को कोई फर्क पड़ रहा हैं और न ही सड़क बनाने और इसका नियमित मेंटेनेंस करने को लेकर विभाग पर जिला प्रशासन दबाव बना पा रहा है. दूसरी तरफ रोज हादसे हो रहे हैं.सड़कों का क्या है हालनेशनल हाइवे : साल भर पहले बनी, गड्ढे में तबदील स्टेशन चौक से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच लगभग सात किमी लंबी सड़क का बनने से साल भर हुआ है. मगर, सड़क गड्ढे में तबदील हो गयी है. फिलहाल सड़क चलने लायक नहीं रह गयी है. मेंटेनेंस को लेकर एनएच विभाग ने जब दबाव बनाया, तो ठेकेदार ने अनमने ढंग से मेंटेनेंस कराया था, जिससे स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. सबसे ज्यादा खराब घंटा घर, प्रधान डाकघर के सामने, जेल रोड आदि जगहों पर है. विभाग अब जेल रोड में फिर से सड़क बनाने की तैयारी कर रहा है. स्वीकृति मिल गयी है. इस साल के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. मालूम हो कि सड़क बनाने में लगभग 10.59 करोड़ लागत आयी थी. घंटा घर से कोतवाली होकर तातारपुर तक की सड़क : घंटा घर से कोतवाली होकर तातारपुर जाने वाली सड़क बने लगभग 10 साल हो गये. नियमित मेंटनेंस नहीं होने से सड़क टूटने लगी है. कोतवाली के पास तो विशाल गड्ढे बन गये हैं, जिसे पार करना वाहन और राहगीर दोनों के लिए चुनौती है. यहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. स्थानीय दुकानदारों की ओर से लगातार विभाग के इंजीनियर से खराब रोड को लेकर शिकायत की जाती रही है, मगर विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस साल अप्रैल में विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया अपनायी थी और जिस ठेकेदार को निर्माण कराने की जिम्मेदारी सौंपी, वह काम शुरू करने से पहले फरार हो गया था. अब फिर से नये सिरे से टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. मगर हाल के कुछ दिनों से टेक्निकल बीड की फाइल पटना में धूल फांक रही है. राधा रानी सिन्हा रोड राधा रानी सिन्हा रोड में घंटा घर से आदमपुर चौक तक सड़क बने दो दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका है. सड़क चलने लायक नहीं है. सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति आकाशवाणी के नजदीक बनी है. इस मार्ग पर कई स्कूल, डॉक्टर के क्लिनिक, बैंक, एटीएम, होटल हैं. सुबह से लेकर आधी रात तक अावाजाही बनी रहती है. खराब सड़क के कारण लोग अजीज आ गये हैं. नगर निगम ने सड़क बनाने की कोशिश की, मगर टेंडर का पेच हल नहीं हो पाया. तकनीकी बिड की प्रक्रिया में ही नगर निगम फंसा है. अगर इस पेच से बाहर निकल जाये, तो यह सड़क 1.08 करोड़ की लागत से सड़क बन जायेगी. घूरनपीर बाबा चौक से कचहरी चौक होकर शीतला स्थान चौक तक घूरनपीर बाबा चौक से कचहरी चौक होकर शीतला स्थान चौक तक जाने वाली सड़क मेंटेनेंस के बाद भी चलने लायक नहीं रह गयी है. यहां हर बार निर्माण के जगह मेंटेनेंस करा दिया जाता है. इसके कुछ दिन बाद सड़क फिर जर्जर हो जाती है. यह सड़क वर्ष 2009 में बनी थी. निर्माण के समय में लागत 2.83 करोड़ रुपये आयी थी. …………………………………………………………………………..एक के बाद हो रहे सड़क हादसे शहर में एक के बाद एक सड़क हादसे हो रहे हैं. हर बार घटना के बाद थोड़ी सजगता दिखायी जाती है, लेकिन हादसे नहीं रुकते हैं. हादसे में मौत भी होती है. घटना के बाद लोग आक्रोशित होते हैं. हर बार प्रशासन की ओर से लोगों को सड़क दुघर्टना पर रोकथाम के लिए जरूरी उपाय किये जाने का आश्वासन दिया जाता है. लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं निकलता है. 30 सितंबर : पटलबाबू रोड वी मार्ट के पास देर रात ट्रक ने बाइक सवार को ठोकर मारी थी. घटना में बूढ़ानाथ निवासी बबलू सिंह बाल बाल बच गये, जबकि उसकी मोटर साइकिल क्षतिग्रस्त हो गयी.17 अक्तूबर: आदमपुर चौक पर ओवर टेक के चक्कर में ट्रक व हाइवा की भिड़त हुई थी. मौके पर मौजूद लोगों ने हाइवा के चालक की जम की धुनाई की थी. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर भीड़ को समझा बुझा कर शांत किया था. 16 नवंबर : अलीगंज गंगटी गांव के पास भारत गैस के ट्रक से कुचल कर उर्दू बाजार के छात्र संजय मंडल की मौत18 नवंबर : घूरनपीर बाबा कचहरी रोड पर जवारीपुर के छात्र मनीष कुमार घायल. घटना में ट्रक नीचे उसकी मोटरसाइकिल हुई चकनाचूर18 नवंबर : शंकर टॉकिज चौक पर मां तारा गैस एजेंसी के संचालक के पुत्र को ट्रक ने कुचला. बुरी तरह घायल हुए. ……………………………………..सड़क हादसे के ये भी हैं कारण- नो इंट्री के समय में शहर में आता है ट्रक-सड़कों पर गड्ढे, बिगड़ता है वाहनों का संतुलन-खराब सड़क पर तेज रफ्तार में बाइक ड्राइव-खराब सड़क के कारण उड़ती है धूल, आगे दिखने में होती है परेशानी…………………………………एक अभिभावक की अपीलअलीगंज निवासी हरेराम सिंह ने बताया कि आजकल कई युवा सड़कों पर तेज रफ्तार में बाइक चलाते हैं. वे यह समझना नहीं चाहते कि खराब सड़क पर इतनी तेज रफ्तार में बाइक नहीं चलाना चाहिए. अभिभावकों को भी बच्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए. ऐसे युवाओं पर पुलिस को भी कड़ी नजर रखनी चाहिए और कार्रवाई भी करनी चाहिए. …………..प्रभात अपील–अभिभावक ध्यान रखें कि बच्चे मोटरसाइकिल नहीं चलायें–वाहन चलाते समय हमेशा सावधानी बरतें–नशापान कर वाहन नहीं चलायें–बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें–नो इंट्री के बाद बाइक चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें

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