Advertisement
पटाखे चलायें मगर संभल कर
भागलपुर : दीपावली के दौरान आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण तीन गुना बढ़ जाती है. दम घोंटू धुएं से सांस से जुड़ी बीमारी के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. अस्थमा मरीजों पर बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा आंखों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक अनार पटाखा होता है. वहीं पटाखों की आवाज से […]
भागलपुर : दीपावली के दौरान आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण तीन गुना बढ़ जाती है. दम घोंटू धुएं से सांस से जुड़ी बीमारी के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. अस्थमा मरीजों पर बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा आंखों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक अनार पटाखा होता है.
वहीं पटाखों की आवाज से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग को होता है. ज्यादा आवाज वाले पटाखा छोड़ने से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं बच्चों के हाथ व पैर जलने के अलावा शरीर झुलसने के रूप में होता है. इसके साथ ही हवा में कई टॉक्सिक गैस भी दर्ज होने की आशंका है, जो शरीर के बर्दाश्त करने की क्षमता के स्तर से भी ज्यादा दर्ज हो सकती है. हवा में ज्यादा टॉक्सिक गैस होने से सांस से जुड़ी बीमारी के लोगों को बहुत परेशानी होती है. डॉक्टरों का कहना है कि बीमार होने पर अपने मन से दवा नहीं लें, बल्कि डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement