मिठाई व खोया में मिलावट की जांच को लेकर केवल खानापूर्ति दीपावली पर मिलावट करनेवालों से रहें सावधान – दीपावली को लेकर अक्तूबर माह में 14 दुकानों से उठाये गये हैं सैंपल- इस वर्ष शहर की 130 प्रमुख मिठाई दुकानों से लिया गया है नमूना- नमूना टेस्ट के लिए कोलकाता के एसके मित्रा लेबोरेट्री भेजा जाता है – मिलावट करने में दोषी 26 लोगों के खिलाफ चल रहा है मुकदमा संवाददाताभागलपुर : त्योहारी सीजन दीपावली में भारी मात्रा में मिठाई की खपत होती है. एक अनुमान के मुताबिक केवल भागलपुर में ही पांच करोड़ से अधिक की मिठाई ब्रिकी हो जाती है. ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में मिठाई के उत्पादन किये जाने से मानक के अनुरूप मिठाई नहीं बन पाती है. मिठाई में मिलावट की आशंका को देखते हुए जांच करने के लिए भागलपुर में फूड इंसपेक्टर की तैनाती की गयी है. 2012 के बाद फूड इंस्पेक्टर द्वारा मिलावट को लेकर जांच रिपोर्ट व कार्रवाई की बात करें तो अभी तक किसी दोषी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है. फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि तीन साल में कुल 26 मामलों में मिठाई दुकानदारों को दोषी पाया गया है. सभी के खिलाफ एडीएम व एडीजे कोर्ट में मुकदमा चल रहा है, लेकिन कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई इसकी जानकारी नहीं है. क्या है जांच की प्रक्रिया फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि हमलोगों को शिकायत मिलने पर और त्योहार के समय शहर के प्रमुख दुकानों से मिठाई का नमूना लेकर टेस्ट के लिए कोलकाता के एसके मित्रा लेबोरेट्री भेज देते हैं. वैसे अमूमन एक महीने में जांच रिपोर्ट आ जाती है. दीपावली को लेकर अक्तूबर माह में 14 दुकानों से सैंपल उठाये गये हैं. इस वर्ष कुल 130 नमूने जांच के लिए भेजे गये हैं. इसके पहले 2013 में 125 मिठाई के नमूने और 2014 में 135 सैंपल जांच के लिए भेजे गये थे. लेबोरेट्री में खाद्य पदार्थ की जांच फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड द्वारा बनाये गये मानक पर होती है. इसमें खासकर केमिकल, स्टार्च, रंग व तेल आदि की जांच की जाती है. फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि जो भी विभाग के द्वारा कार्रवाई की जाती है, उसकी रिपोर्ट प्रत्येक महीने पटना में होने वाले खाद्य संरक्षा कमिश्नर की बैठक में रखी जाती है. चुनाव के कारण दो महीने से मीटिंग नहीं हो रही थी. छह नवंबर को पटना में बैठक होनी है, इसी को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. किस प्रकार की मिलती है खामियां और क्या होता है दुष्प्रभाव फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि बाजार में बिकनेवाली मिठाइयों में खामियां केमिकल, स्टार्च, कलर, वनस्पति तेल आदि को लेकर पायी जाती है. आजकल जिस तरह मिठाई में केमिकल और रंग का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है. खासकर मिटैनिन यलो, ओरेंज टू, रोडालीन बी, ग्रीन एस, मैला साइट ग्रीन आदि काफी खतरनाक होते हैं. इन खतरनाक तत्वों का मानव शरीर में गंभीर रिएक्शन होता है. ऐसी मिठाई खाने से बच्चों का ग्रोथ रुक जाता है. इसके अलावा रंग के प्रयोग से शरीर में एलर्जी होती है. साथ ही दूरगामी प्रभाव के रूप में लीवर और किडनी पर भी प्रभाव पड़ता है. क्या है दंड का प्रावधानफूड इंस्पेक्टर ने बताया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अधिनियम के मुताबिक मिलावट करनेवाले दुकानदारों के खिलाफ एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा छह महीने का कारावास भी हो सकता है. इंस्पेक्टर ने बताया कि दंड का प्रावधान हमलोग नहीं करते हैं. यह एडीएम कोर्ट और एडीजे कोर्ट में ही तय होता है.
BREAKING NEWS
मिठाई व खोया में मिलावट की जांच को लेकर केवल खानापूर्ति
मिठाई व खोया में मिलावट की जांच को लेकर केवल खानापूर्ति दीपावली पर मिलावट करनेवालों से रहें सावधान – दीपावली को लेकर अक्तूबर माह में 14 दुकानों से उठाये गये हैं सैंपल- इस वर्ष शहर की 130 प्रमुख मिठाई दुकानों से लिया गया है नमूना- नमूना टेस्ट के लिए कोलकाता के एसके मित्रा लेबोरेट्री भेजा […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement