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जॉब बढ़े, घट गयी जॉब फेयर में भीड़

जॉब बढ़े, घट गयी जॉब फेयर में भीड़ बिहार में जॉब फेयर- वर्ष 2008 में 3.04 व 2014 में 47.49 प्रतिशत युवाओं को मिला था रोजगार-वर्ष 2008 में 52,9141 व 2014 में 2,70,064 बेरोजगार पहुंचे थे जॉब फेयरसंजीव, भागलपुररोजगार कौन नहीं पाना चाहता है. स्थिति तो यह है कि हर दिन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जानेवाली […]

जॉब बढ़े, घट गयी जॉब फेयर में भीड़ बिहार में जॉब फेयर- वर्ष 2008 में 3.04 व 2014 में 47.49 प्रतिशत युवाओं को मिला था रोजगार-वर्ष 2008 में 52,9141 व 2014 में 2,70,064 बेरोजगार पहुंचे थे जॉब फेयरसंजीव, भागलपुररोजगार कौन नहीं पाना चाहता है. स्थिति तो यह है कि हर दिन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जानेवाली ट्रेनों की जेनरल बोगी में जगह नहीं मिलती है. लोग रोजगार के लिए अपने परिवार को छोड़ महीनों-सालों परदेस में रह जाते हैं. दूसरी ओर श्रम संसाधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें, तो विभाग की ओर से बिहार के जिलों में लगनेवाले जॉब फेयर (रोजगार मेला) में साल-दर-साल रोजगार पानेवालों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन फेयर के प्रति बेरोजगारों का आकर्षण घटता जा रहा है.क्या है वजह : विशेषज्ञ की रायवजह-1तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग के डायरेक्टर डॉ पवन कुमार पोद्दार ने बताया कि जॉब फेयर में जो कंपनियां आती हैं, वह पढ़े-लिखे युवाओं को जॉब नहीं देती. यह कंपनियां लोअर ग्रेड का जॉब देती हैं. पढ़े-लिखे को उनके अनुकूल जॉब नहीं मिलता. इससे आवेदकों की संख्या घट गयी. जॉब फेयर में उनकी संख्या बढ़ गयी, जो कम पढ़े लिखे हैं. हमारे विभाग से भी 2010-11 में 150 छात्र फेयर में गये थे, लेकिन उनके मुताबिक जॉब नहीं मिले और वे लौट आये. आवेदक के घटने की यह वजह नहीं कि बेरोजगारी घट रही है. वजह-2डॉ ए कुमार इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि इसका मूलत: कारण जॉब का नेचर हो सकता है. युवाओं के पास जिस तरह की योग्यता है, उसके हिसाब से वह नौकरी में पद चाहते हैं. कंपनियों को यह सोच कर प्लान करना होगा कि वे किस स्तर के युवाओं को चयनित करना चाहते हैं. एक कारण यह भी है कि युवाओं का दूसरे राज्य में लगातार पलायन हो रहा है. उन्हें दूसरे राज्य में जॉब चुनने की स्वतंत्रता मिलती है. इस कारण युवा दूसरे राज्य की ओर भागते हैं ताकि उन्हें उनके हिसाब से जॉब मिले. बिहार में स्किल डेवलपमेंट पर विशेष कार्य नहीं किया जा रहा है. श्रम संसाधन विभाग की जॉब फेयर से उपलब्धि2008-09………….279……………..529141……………..16092……………3.042009-10…………..205……………..178896…………….19335…………….10.802010-11……………735……………..181075……………..66244……………36.582011-12…………….469…………….86348………………33114…………….38.342012-13……………807……………..195194………………66594……………34.112013-14……………937………………123220……………..50164……………40.712014-15…………….1328……………270064……………..128259…………..47.492015-16…………….680……………..94137………………..46474……………49.36नोट : यह आंकड़े श्रम संसाधन विभाग ने अपनी वेबसाइट पर जारी किया है, जो 7.7.2015 तक के हैं.कहते हैं नियोजन पदाधिकारीजॉब फेयर में युवाओं की हो रही कमी की तीन वजह है. बच्चों में सरकारी नौकरी के प्रति बढ़ी जागरूकता, आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास और जॉब फेयर में आनेवाली लोकल कंपनियों के द्वारा दिये जानेवाले जॉब से ऊपर की इच्छा होती है. फिर भी श्रम संसाधन विभाग की रोजगार के प्रति जागरूक करने के लिए कई स्कीम आयी हैं. इसे गांवों से लेकर शहरों तक चलाया जा रहा है. इससे जॉब फेयर के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ेगा.-एसएन सुधाकर, नियोजन पदाधिकारी भागलपुर सह जिला नियोजन पदाधिकारी बांका

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