भागलपुर : दुर्गापूजा को लेकर शहर में भक्ति का माहौल बनने लगा है. शनिवार को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू होगा. श्रद्धालु अपने–अपने पुरोहित से पूजा को लेकर संपर्क कर रहे हैं.
अधिकतर श्रद्धालुओं ने पूजा सामग्री एकत्र भी कर ली है. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रोच्चर के साथ नव दुर्गा पूजा के लिए यथा विधि कलश स्थापित की जायेगी. महासप्तमी को प्रात:काल से प्रतिमाओं में पत्रिका प्रवेश के साथ प्राण–प्रतिष्ठा कर विजय दशमी तक पूजा का विधान है.
ज्योतिषाचार्य प्रो सदानंद झा ने बताया कि ऐश्वर्य, पराक्रम, ज्ञान, आत्मतत्व, विद्यातत्व और शिवतत्व की प्राप्ति के लिए शक्ति उपासना सर्वोपरि है. शक्ति उपासना वैदिक काल से पौराणिक युग तक सात्विक व भाव प्रधान रहा है. दुर्गा सप्तशती के मंत्रों, देवी भागवत के पाठों व नवार्ण मंत्र जप एवं सात्विक हवन द्वारा भुक्ति–मुक्ति की प्राप्ति होती है.
आश्विन शुक्ल पक्ष में मां दुर्गा की पूजा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यह चारों फल देने वाली है. डॉ झा ने बताया कि इस बार देवी दुर्गा का आगमन शनिवार को अश्व (घोड़े) पर हो रहा है, जिसमें राजा या शासन का परिवर्तन होने की संभावना होती है.
प्रस्थान भैसा पर सोमवार को हो रहा है, जिसमें रोग व शोक का महौल पैदा होता है. उन्होंने बताया कि काशी पंचांग के अनुसार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6:14 बजे एवं मिथिला पंचांग के अनुसार 6:24 बजे व इसके बाद दिन भर है.