वह डकैती में शामिल होने की बात स्वीकारी है. पुलिस ने आरोपित के निशानदेही पर एक और संदिग्ध को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. बैंक डकैती में अबतक 6, 21, 500 रुपये बरामद हुए हैं. इस मामले में अबतक आधा दर्जन अपराधी की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है. रविवार को तातारपुर थाना में प्रेस वार्ता के दौरान एसएसपी विवेक कुमार ने बताया कि पकड़ा गया बिकी राजपाल का आपराधिक इतिहास रहा है. चोरी व अपराध के कई मामले में वह जेल काट चुका है. उन्होंने बताया के बैंक डकैती के तीसरे दिन बिकी राजपाल अपने सहयोगी के साथ हरिद्वार व यूपी घूमने चला गया था. लूट के हिस्से में मिला पैसे को खर्च किया. पुलिस बिकी राजपाल की टोह में लगी थी.गुप्त सूचना मिली कि बैंक डकैती का आरोपित कटोरिया में छिपा है. पुलिस की गठित विशेष टीम छापेमारी कर रविवार को गिरफ्तार कर लिया. बहुत जल्द डकैती का मास्टर माइंड कन्हैया यादव को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. पुलिस की टीम अपना काम कर रही है.
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बैंक लूटकांड का एक आरोपी पकड़ाया
भागलपुर: आदमपुर थाना क्षेत्र के घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक डकैती में लूटे गये 49 लाख रुपये मामले में पुलिस को एक और कामयाबी मिली है. बैंक डकैती का आरोपित उर्दू बाजार के बिकी राजपाल को पुलिस की विशेष टीम ने कटोरिया के एक मिशन से रविवार को गिरफ्तार किया है. उसके पास से पुलिस […]
भागलपुर: आदमपुर थाना क्षेत्र के घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक डकैती में लूटे गये 49 लाख रुपये मामले में पुलिस को एक और कामयाबी मिली है. बैंक डकैती का आरोपित उर्दू बाजार के बिकी राजपाल को पुलिस की विशेष टीम ने कटोरिया के एक मिशन से रविवार को गिरफ्तार किया है. उसके पास से पुलिस ने लूट के 21,500 रुपये, एक कट्टा, दो मोबाइल, एक घड़ी व एक पर्स बरामद किया है. पूछताछ में बिकी ने बैंक डकैती से जुड़े अहम सुराग पुलिस को दिया है.
बैंक डकैती के दौरान लोगों पर नजर रख रहा था विक्की : पुलिस के पूछताछ में बिकी ने बताया कि बैंक डकैती के दौरान आने-जाने वाले लोगों पर वह नजर रख रहा था. उसे इसी काम में लगाया गया था. घटना के दिन सुबह में अमित रजक से मिला और कहा कि एक काम करना है. अच्छा पैसा मिल जायेगा. दोपहर में साथ चलना है. चार से पांच मोटर साइकिल पर सवार होकर बैंक के बाहर पहुंचे. बैंक में प्रवेश करने के दौरान अमित रजक ने उसे एक कट्टा दिया. काम बताया कि बैंक में आने जाने वाले रास्ते पर ध्यान रखना है. घटना को अंजाम देने के बाद सभी लोग मोटरसाइकिल से भागे.
घंटाघर पहुंचने पर उसे अमित रजक बाइक से उतार दिया. हथियार वापस ले लिया. थोड़ा दूर चलने के बाद ऑटो पकड़ पर स्टेशन पहुंच अमित रजक से पैसे मांगे, तो कहा कि दूसरे दिन पश्चिमी केबिन के पास मिलना हिस्सा मिल जायेगा. तय समय के अनुसार अमित रजक ने 90 हजार रुपये उसे दिया. पैसे मिलने के दूसरे दिन सहयोगी जंगली के साथ वह हरिद्वार चला गया. वहां एक होटल में रह कर घूमा. करीब 30 हजार रुपये खर्च कर दिया, लेकिन सहयोगी जंगली उसके पास का पैसा चुरा लिया. वहां से भागलपुर आ गया. इस दौरान उसके पास 50 हजार रुपये था. कुछ नकदी उसके पास था, तो कुछ अपने रिश्तेदार के नाम बैंक खाता में जमा किया है.
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