भागलपुर: एक मई से लगातार हड़ताल पर चल रहे पंचायत रोजगार सेवकों (पीआरएस) को सरकार व प्रशासन के निर्देश पर बरखास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. जिला में उप विकास आयुक्त (डीडीसी) डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को 121 पीआरएस को बरखास्त कर दिया है. जिला में कुल 225 पीआरएस कार्यरत थे.
सरकार व प्रशासनिक अनुरोध के बाद इनमें से 104 पीआरएस काम पर लौट आये हैं. पांच पीआरएस तो बुधवार को ही काम पर लौटे हैं. डीडीसी डॉ सिंह ने बताया कि जिला का पैनल तैयार है. इसके आधार पर एक माह के अंदर नये पीआरएस की बहाली कर ली जायेगी. मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले पीआरएस पिछले दो माह से लगातार हड़ताल (सामूहिक अवकाश) पर हैं.
वार्ता के लिए नहीं हुए उपस्थित
डीडीसी डॉ सिंह ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के पत्र व प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भी पीआरएस को काम पर लौटने का अनुरोध किया गया था. डीआरडीए की ओर से भी समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना प्रकाशन कर तीन दिनों के अंदर काम पर लौटने को कहा गया था. नौ जून के विभागीय निर्देश के आलोक में सभी पीआरएस को वार्ता के लिए 12 जून को बुलाया गया था, लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद विभाग की ओर से 18 जून को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सभी पीआरएस को 48 घंटे के अंदर अपने-अपने कर्तव्य पर उपस्थित होने की सूचना दी गयी थी.
यह थी मुख्य मांग
डीडीसी ने बताया कि सभी पीआरएस की मुख्य मांग पंचायत सचिव बनाने की थी, जबकि इसके लिए एसएससी की ओर से परीक्षा ली जा रही है. उन्होंने कहा कि पीआरएस भी उस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. जहां तक पीआरएस को इस परीक्षा में वेटेज देने की बात है तो इसके लिए विभागीय स्तर पर समिति का गठन किया गया है. समिति की जो भी अनुशंसा होगी, उसे माना जायेगा.