भागलपुर: आज से दो दशक पूर्व पढ़ाई समाप्त करने व शादी के बाद महिलाएं घरों में ही सिमट जाती थी और किचन रूपी प्रयोगशाला में तरह-तरह का प्रयोग करती थी. समय बदला और महिलाओं ने भी अपने में बदलाव लाया. वह घर संभालने के साथ-साथ मल्टी टास्क करने लगी है. घरेलू महिलाएं खुद को हुनरमंद बनाने के लिए किसी प्रशिक्षण केंद्र से जुड़ कर टैडी वियर बनाना तो कुछ चित्रकारी व अन्य तरह की कलाकृति जैसे फोटो फ्रेम, गुलदस्ता, थर्मोकोल का ताजमहल व फोम से कई तरह के शो पीस बनाना सीख रहीं है.
इन महिलाओं का कहना है कि सिर्फ घर की जिम्मेवारियों को संभालना ही एक औरत का काम नहीं है. अपने बच्चों के लिए मां को भी ऑलराउंडर होना पड़ता है. बच्चों को किसी प्रतियोगिता के लिए तैयार करने से पहले खुद को तैयार करना आज के समय की मांग है.
फूलों का गुलदस्ता बनाना सीख रही स्मिता आशु कहती हैं कि बेटी के स्कूल जाने के बाद घर के सारे काम निबटाती हूं फिर प्रशिक्षण लेने आती हूं. बेटी के स्कूल से लौटने तक यहां सीखती हूं, उसके बाद घर की जिम्मेवारियां. लक्ष्मी कहती हैं कि मैं योगा, हैंडमेड समान बनाने का प्रशिक्षण ले रही हूं. घर का काम के साथ खुद के लिए भी वक्त निकालना जरूरी है. यह समय की मांग है. सुरभि साह कहती हैं कि पेंटिंग और कुकिंग क्लास में ट्रेनिंग ले रही हूं. खुद को घर में समेटने से अच्छा है कुछ अलग करना. नीतू गुप्ता कहती हैं कि समय निकालना मुश्किल तो है लेकिन आज जमाना मल्टी टास्किंग का है, तो खुद को अप टू डेट करना ही होगा.