भागलपुर: भागलपुर व नवगछिया कारा में विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति के लिए हुई निविदा में भारी अनियमितता बरती गयी है. इस संबंध में कुछ निविदादाताओं ने डीएम से शिकायत की है. शिकायत में उनका कहना है कि तकनीकी व वित्तीय निविदा खोलने के दौरान क्रय समिति के सभी सदस्य उपस्थित नहीं थे, जो कि नियम का सरासर उल्लंघन है. यही नहीं यह निविदा प्रक्रिया तत्कालीन अपर समाहर्ता (एडीएम) प्रभात कुमार सिन्हा ने तबादले की अधिसूचना जारी होने के बाद आनन-फानन में शुरू कर दी. डीएम को दी शिकायत में निविदा दाता शेखर इंटरप्राइजेज, मे परवेज आलम, मे कमल प्रसाद, मे अजय कुमार, मे गणपति, मे राज इंटरप्राइजेज, मे पंकज कुमार दास व मे के के वर्मा ने बताया कि कारागार में सामग्रियों के आवंटन के लिए 25 मार्च को प्राधिकृत पदाधिकारी अपर समाहर्ता के कार्यालय में कारा क्रय समिति के समक्ष निविदा खोली जानी थी, लेकिन किसी कारणवश उस दिन निविदा नहीं खोली गयी.
फिर 12 अप्रैल को निविदा खोले जाने की सूचना दी गयी. हालांकि इस बीच अपर समाहर्ता श्री सिन्हा का तबादला हो चुका था, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपने कक्ष में संध्या 5.00 बजे निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी. प्रक्रिया के दौरान किसी भी निविदा दाता को तकनीकी निविदा दिखाये बिना निविदा खोल दी गयी.
यही नहीं उस समय सिर्फ केंद्रीय कारा के अधीक्षक एवं उप कारा नवगछिया के अधीक्षक ही उपस्थित थे. समिति के अन्य सदस्य जिला लेखा पदाधिकारी, वाणिज्यकर पदाधिकारी व आयकर पदाधिकारी में से कोई भी मौके पर मौजूद नहीं थे. इनकी अनुपस्थिति में ही निविदा खोल दी गयी एवं एडीएम श्री सिन्हा सभी तकनीकी निविदा एवं वित्तीय निविदा अपने साथ लेकर चले गये, जबकि नियमानुसार सभी निविदा अध्यक्ष के कार्यालय प्रकोष्ठ में ही रखी जानी चाहिए थी.
निविदादताओं ने बताया कि यह निविदा करोड़ों रुपये का है एवं वित्त का मामला है. बिना वित्तीय अधिकारी के निविदा कार्य प्रारंभ किया जाना नियमानुकूल नहीं है. यही नहीं आज तक निविदा प्रक्रिया को भी संपन्न नहीं किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि निविदा में पूर्ण पारदर्शिता नहीं बरती गयी. सभी निविदादाताओं ने डीएम से आग्रह किया है कि इसकी जांच कराते हुए निविदा की प्रक्रिया पूरी करायी जाये.