प्रसव पीड़ा के बाद शुक्रवार को बीबी फरहत को ज्योति नर्सिग होम में भरती कराया गया था. शनिवार को ऑपरेशन कर फरहत को लड़का हुआ, लेकिन कुछ देर बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी और मौत हो गयी. बीबी फरहत का यह पहला बच्च था. डॉक्टर के मुताबिक, बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है. महिला की मौत की खबर फैलते ही आक्रोशित लोगों ने क्लिनिक को चारों ओर से घेर लिया और हंगामा करने लगे. नाथनगर मुख्य सड़क के बीचोबीच बांस लगा कर सड़क जाम कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही नाथनगर इंस्पेक्टर जमील असगर, ललमटिया थानेदार रोहित कुमार सिंह, मधुसूदनपुर थानेदार, एसआइ प्रमोद कुमार सदल-बल मौके पर पहुंचे. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने शांति समिति के सदस्य देवाशीष बनर्जी, नजाहत अंसारी, भवेश यादव आदि को बुलाया. इसके बाद परिजनों के मौजूदगी में वार्ता हुई. शांति समिति की पहल पर परिजन शांत हुए. किसी पक्ष ने थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी.
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प्रसव के बाद महिला की मौत,तोड़-फोड़
भागलपुर: नाथनगर के ज्योति नर्सिग होम में शनिवार को प्रसव के बाद महिला की मौत से गुस्साये परिजनों ने क्लिनिक में तोड़-फोड़ की और सड़क जाम कर दिया. महिला के परिजन डॉ अमरेंद्र कुमार और डॉ अंजनी कुमारी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. इस कारण परिजनों ने पहले क्लिनिक में जम […]
भागलपुर: नाथनगर के ज्योति नर्सिग होम में शनिवार को प्रसव के बाद महिला की मौत से गुस्साये परिजनों ने क्लिनिक में तोड़-फोड़ की और सड़क जाम कर दिया. महिला के परिजन डॉ अमरेंद्र कुमार और डॉ अंजनी कुमारी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. इस कारण परिजनों ने पहले क्लिनिक में जम कर हंगामा किया. इसके बाद क्लिनिक के काउंटर में तोड़-फोड़ शुरू कर दी. डॉ अमरेंद्र के चेंबर में घुस कर परिजनों ने तोड़-फोड़ की. मृतका बीबी फरहत (24) नाथनगर के मसूरी साह लेन निवासी मो खालिद की पत्नी थी. खालिद जूते-चप्पल के कारोबार से जुड़ा हुआ है.
भूकंप आते ही मरीज को छोड़ डॉक्टर के भागने की चर्चा. चर्चा यह भी है कि भूकंप के दौरान डॉक्टर क्लिनिक छोड़ कर चले गये. नतीजतन महिला का समय पर इलाज नहीं हो सका. इस कारण उसकी मौत हो गयी. हालांकि ज्योति क्लिनिक के डॉ अमरेंद्र ने कहा कि भूकंप के दौरान वे क्लिनिक में मौजूद थे. उस समय महिला का हालत ठीक-ठाक थी. मरीज को छोड़ कर भागने की बात गलत है.
अत्यधिक रक्तस्राव से हुई मौत : डॉ अमरेंद्र. डॉ अमरेंद्र कुमार ने इलाज में लापरवाही के आरोप को सिरे से खारिज किया है. डॉक्टर का कहना है कि ऑपरेशन के बाद महिला की हालत ठीक थी. लेकिन अचानक अत्यधिक रक्तस्राव होने से उसकी हालत बिगड़ी और अंतत: उसकी मौत हो गयी. हमलोगों ने अपने स्तर से महिला को बचाने का काफी प्रयास किया. डॉ अमरेंद्र ने कहा कि कौन डॉक्टर चाहेगा कि उसके हाथ से कोई केस खराब हो जाये. लापरवाही का आरोप बिल्कुल निराधार है.
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