भागलपुर: गरीब घरों में शिक्षा के दिये जलाने के उद्देश्य से टेक्नो प्वाइंट शिक्षण संस्थान ने निर्णय लिया है कि गरीब व मेधावी बच्चों को आइआइटी व मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए नि:शुल्क तैयारी करायी जायेगी. संस्थान के निदेशक अंशु सिंह ने मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह निर्णय सुपर थर्टी से प्रेरणा लेकर लिया गया है. उन्होंने कहा कि अमूमन आइआइटी व मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए तैयारी में अभिभावकों को काफी खर्च करना पड़ता है. इसमें होनेवाले खर्च को सोच गरीब तबके के अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने की हिममत भी नहीं जुटा पाते हैं.
यह बात हमेशा उनके दिल को कचोटती थी. आखिरकार फैसला ले लिया कि गरीब तबके के बच्चे अगर मेधावी हैं, तो उनकी प्रतिभा बेजा नहीं जाने दी जायेगी. यह बात अलग है कि सफलता बच्चों व शिक्षकों की मेहनत पर निर्भर है, लेकिन शत-प्रतिशत सफलता का लक्ष्य रखा गया है. प्रवेश के लिए 25 अगस्त को परीक्षा का आयोजन होगा. इसके बाद तिथि की घोषणा कर साक्षात्कार का आयोजन किया जायेगा. इसमें बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी वार्ता के लिए बुलाया जायेगा ताकि यह जान सकें कि अमुक बच्चों को सचमुच नि:शुल्क शिक्षा की जरूरत है. 10 सितंबर से कक्षाएं आरंभ होंगी.
नामांकन के लिए सीट असीमित रहेगा. श्री सिंह ने कहा कि अधिक से अधिक बच्चों को मौका देंगे. अगर बाहर के बच्चे होंगे, तो आवासीय सुविधा भी मुफ्त में दी जायेगी. आइआइटी व मेडिकल संस्थानों में नामांकन के समय आर्थिक समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए अन्य लोगों की भी मदद ली जायेगी. उन्हीं बच्चों को चयनित किया जायेगा, जो वर्ष 2014 की परीक्षाओं में शामिल होने की अर्हता रखते हों. उन्होंने कहा कि मेडिकल की तैयारी के लिए सुपर थर्टी जैसी व्यवस्था पहली बार की जा रही है. छात्राओं को प्रवेश में प्राथमिकता दी जायेगी.