– जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग में चिकित्सकों ने दी जानकारी- कहा हर वर्ष इन दवाओं के दुष्प्रभाव से एक लाख लोगों की होती है मौत वरीय संवाददाता भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित शिशु विभाग में शनिवार को कीटनाशक दवाओं के खाने से होने वाले दुष्प्रभाव विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ आरके सिन्हा ने बताया कि आम तौर पर कीटनाशक दवा टिक 20, खटमल मारने की दवा, पॉराथायोन, बेगौन, फिनाइल, मलाथायोन आदि के छिड़काव के चलते या इसे खाने और सूंघने से जहर का असर इनसान व जानवरों में होने लगता है. हर वर्ष विकासशील देशों में एक करोड़ लोग इससे ग्रसित होते हैं और एक लाख लोगों की मौत हो जाती है. स्नात्तकोत्तर छात्र डॉ अमित कुमार ने इसके लक्षण के बारे में कहा कि इसके चलते धड़कन तेज हो जाती है. नाक से पानी, खांसी, दम फूलना, बेचैनी व बेहोशी आने लगती है. ऐसे मरीज को तुरंत अस्पताल में इलाज कराना चाहिए. इस मौके पर डॉ सुशील भूषण, डॉ केके सिन्हा, डॉ राजीव कुमार, डॉ खलील अहमद, डॉ राकेश कुमार, डॉ रमण किशोर, डॉ अंकिता, डॉ सिद्धार्थ आदि मौजूद थे.
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कीटनाशक दवा खाने के खतरे पर सेमिनार
– जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग में चिकित्सकों ने दी जानकारी- कहा हर वर्ष इन दवाओं के दुष्प्रभाव से एक लाख लोगों की होती है मौत वरीय संवाददाता भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित शिशु विभाग में शनिवार को कीटनाशक दवाओं के खाने से होने वाले दुष्प्रभाव विषय पर सेमिनार का आयोजन किया […]
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