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टास्क फोर्स करेगा कैं पस में निगरानी
महिला सुरक्षा : यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिया सेल गठित करने का निर्देश निलेश, भागलपुर उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्रतिबद्धता दिखायी है. विश्वविद्यालय व कॉलेज कैंपस में लड़कियों की सुरक्षा के लिए यूजीसी ने जीरो टॉलरेंस अपनाने को कहा है. निर्देश में आयोग ने विश्वविद्यालय व कॉलेज […]
महिला सुरक्षा : यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिया सेल गठित करने का निर्देश
निलेश, भागलपुर
उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्रतिबद्धता दिखायी है. विश्वविद्यालय व कॉलेज कैंपस में लड़कियों की सुरक्षा के लिए यूजीसी ने जीरो टॉलरेंस अपनाने को कहा है. निर्देश में आयोग ने विश्वविद्यालय व कॉलेज कैंपस में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है. सभी कॉलेजों को टास्क फोर्स गठित कर महिलाओं के खिलाफ हो रही किसी भी घटना पर पैनी नजर रखने को कहा है. कैंपस में छात्राओं व महिला शिक्षिकाओं के साथ छेड़छाड़ व शोषण जैसी कोई घटना न हो, इसके रोकने के लिए हर वक्त चौकसी की बात भी कही है.
शिकायत पेज पर रहेगी यूजीसी की पैनी नजर
कैंपस में छेड़छाड़, यौन शोषण जैसी घटनाएं कई बार सामने नहीं आ पाती. खासकर एसएम कॉलेज, भागलपुर व एमएएम कॉलेज, नवगछिया जैसे महिला कॉलेज की छात्राओं को छींटाकाशी व फब्तियों का शिकार होना पड़ता है. लड़कियों को इस तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों से एक महीने के भीतर कॉलेज की वेबसाइट पर एक अलग पेज बनाने के लिए कहा है. इसमें छात्राएं कभी भी किसी भी समय अपनी समस्या लिख कर बता सकती हैं. इस पेज पर यूजीसी के अधिकारी पैनी नजर रखेंगे. एक भी शिकायत दर्ज होने पर संस्थान प्रबंधन के साथ यूजीसी भी कार्रवाई करेगा.
महिला सेल के नाम पर न हो केवल खानापूरी
यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार कॉलेजों में महिला सेल होना अनिवार्य है. इस सेल की इंचार्ज भी किसी महिला शिक्षिका को बनाया जाता है. अधिकतर कॉलेजों में महिला सेल तो बनाये गये हैं, लेकिन उनमें काम न के बराबर होता है. अब कॉलेजों की मनमानी नहीं चलेगी. आयोग का निर्देश है कि इस सेल को अधिकार संपन्न बनाया जाये. इसके सदस्यों को हर साल समीक्षा रिपोर्ट बना कर देनी होगी.
2013 में भी दिया था निर्देश
2013 में यूजीसी ने सभी कॉलेजों में कैमरा व अलार्म बेल लगाने को कहा था. कैमरे तो सभी शैक्षणिक संस्थान में लग चुके हैं, लेकिन अलार्म बेल लगाने की रफ्तार अभी भी काफी धीमी है. इसके लिए भी रिमाइंडर जारी किया गया है. आयोग का मानना है कि हर जगह अलार्म बेल रहने से छात्र-छात्राएं घटना के वक्त ही बेल बजा कर सबको जानकारी दे सकती हैं. इससे पीड़ित पक्ष को लाभ यह होगा कि प्रत्यक्षदर्शी आगे की सुनवाई के लिए गवाह के तौर पर मदद कर पायेंगे.
अभी क्या है व्यवस्था
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में महिला सेल गठित है. विश्वविद्यालय अंतर्गत सभी कॉलेज में ऐसी व्यवस्था नहीं है. पिछले दिनों हिंदी विभाग में एक छात्र के यौन शोषण का मामला प्रकाश में आने के बाद विश्वविद्यालय में काफी हो-हंगामा हुआ था. घटना के बाद से विवि प्रशासन सतर्क है. विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ इकबाल अहमद ने बताया कि महिला सेल के अलावा एंटी रैगिंग सेल भी काम करती है. किसी भी तरह की शिकायत पर विश्वविद्यालय प्रशासन संज्ञान लेता है. हालांकि 27 जनवरी को जारी किया गया निर्देश अभी विश्वविद्यालय को प्राप्त नहीं हो पाया है. पत्र प्राप्त होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कार्ययोजना तैयार की जायेगी.
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