गोशाला का उपयोग मसाला गोदाम, रूई गोदाम, बरतन फैक्टरी, शादी-विवाह भवन जैसे व्यापारिक केंद्र के रूप में उपयोग हो रहा है. दूसरे स्थानीय नागरिक पंकज कुमार ने बताया यहां से दो क्विंटल रोजाना दूध बिक्री होती है. इस प्रकार लाखों के दूध का कारोबार है. बीच-बीच में गाय मर रही हैं. कई गाय को बड़े-बड़े घाव हो गये हैं. गाय की देखरेख के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. पहले पशु चिकित्सक रहते थे. चारा की व्यवस्था थी.
अब सूखा कुट्टी दिया जाता है और दूध लिया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले भी इसकी शिकायत एसडीओ व अन्य पदाधिकारी को की जा चुकी है. तालाबंदी करने वालों में सुनील कुमार आर्य, राजीव कुमार, राकेश कुमार ओझा, विकास मंडल, राजाराम, गोलू चौधरी, बबन, मंटू शामिल थे. उन्होंने बताया गौशाला के सचिव सत्यनारायण पोद्दार से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, ताकि यहां की व्यवस्था में सुधार हो. गाय को समय पर चारा दिया जा सके और गायों का इलाज कराया जा सके. इधर गौशाला के प्रबंधक चंद्र मोहन प्रसाद ने बताया सचिव सत्यनारायण प्रसाद से बात हुई. वे बाहर हैं. उन्होंने कहा उनके आने के बाद मामले पर विचार किया जायेगा.