भागलपुर: बिजली संकट का असर उद्योग-धंधे से लेकर शहर के बाजार तक पर दिखने लगा है. एक ओर जहां शहरी व्यवसायियों का 60 फीसदी से अधिक का कारोबार प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर उद्योग पावर लूम उद्योग में रोजाना 15 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है.
मुख्य बाजार में खासकर इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायियों का कारोबार 70 फीसदी से अधिक हो रहा है. इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी एनवी राजू ने बताया कि जिस क्षेत्र के ग्राहक टीवी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन की खरीदारी करने आते हैं, वहां पर बिजली संकट गहरा गया है. एक ओर ग्राहक नहीं आ रहे हैं, तो दूसरी ओर क्षति पूर्ति के लिए ढाई हजार रुपये का रोजाना डीजल खर्च करना पड़ रहा है, ताकि दूर से आये ग्राहकों को इन सामान को चेक कर दिया जा सके और अपनी दुकान का स्टैंडर्ड कायम रहे. इस बिजली संकट ने 50 फीसदी तक कारोबार प्रभावित कर दिया है.
इलेक्ट्रिकल व्यवसायी नवनीत ढांढनियां का कहना है कि ग्राहक दुकानों में सामान ट्राइ करने आते हैं, लेकिन बिजली संकट का हवाला देकर बिना सामान लिये लौट जाते हैं. इससे 70 फीसदी से अधिक का कारोबार प्रभावित हो गया है. कपड़ा व्यवसायी अभिषेक जोशी ने बताया कि बिजली नहीं रहने पर ग्राहकों का आना कम हो जाता है. वहीं दूसरे कपड़ा व्यवसायी शिवनंदन कुमार ने बताया कि अंदर में दुकान होने पर अंधेरा सा लगता है और इस भीषण गरमी में ग्राहक ज्यादा देर नहीं टिकते.
बुनकर प्रतिनिधि मो इबरार अंसारी ने बताया कि शहर में 15 हजार से अधिक पावर लूम चलता है. इसे चलाना बिना बिजली के संभव नहीं है. कई बड़े बुनकर तो डीजल मशीन से लूम चला रहे हैं, लेकिन इसमें भी अतिरिक्त डीजल खपत हो रही है. पावर लूम बुनकरों को रोजाना 15 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है. कई व्यवसायियों को तो ऑर्डर लौटाने की नौबत आ गयी है. दूसरे बुनकर प्रतिनिधि मो अलीम अंसारी ने बताया कि व्यापारियों को समय पर माल चाहिए. बिजली के बिना यह संभव नहीं. बुनकर सज्जन कुमार ने बताया कि बिजली के बिना व्यापारियों के आर्डर लेना मुश्किल हो रहा है. बुनकर प्रतिनिधि नेजाहत अंसारी ने बताया कि रमजान का त्योहार चल रहा है. ऐसी स्थिति में बिजली नहीं है. इससे पावर लूम बंद पड़ा है. बुनकरों के रोजी-रोटी पर आफत हो रही है.