भागलपुर: भाजपा जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर शुक्रवार को परिसदन में दिन भर कार्यकर्ताओं की गहमा-गहमी बनी रही. पटना से आये प्रदेश महामंत्री संजीव चौरसिया व विधायक चितरंजन कुमार ने एक -एक कार्यकर्ता की भावना को बंद कमरे में टटोला. जिलाध्यक्ष पद के लिए लोगों की क्या पसंद है यही बात पर सबसे पूछी गयी. दोनों नेता कार्यकर्ताओं की भावना से प्रदेश के कोर कमेटी सदस्यों व अध्यक्ष से अवगत करायेंगे.
यहां दोनों नेता रायशुमारी में व्यस्त थे, उधर दिल्ली व पटना तक फोन पर कई कार्यकर्ता व्यस्त थे और अपने-अपने आका को पल-पल की जानकारी दे रहे थे. भाजपा जिलाध्यक्ष नभय कुमार चौधरी ने बताया कि 16 व 17 मार्च को पटना में नयी प्रदेश कमेटी की बैठक में सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया गया था, पर वे वहां नहीं जा पाये थे. उसी बैठक में तय किया गया था कि दो पदाधिकारियों को भागलपुर भेजा जायेगा जो वहां के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे कि वहां किस तरह के लोगों को कार्यकर्ता चाहते हैं. इसी क्रम में प्रदेश के पदाधिकारी आये थे जिन्होंने कार्यकर्ताओं से एक -एक कर बात की है.
प्रदेश महामंत्री संजीव चौरसिया ने बताया कि जिले की सभी पंचायत के अध्यक्षों के घर पर झंडा और बोर्ड लगाने का जो निर्देश दिया गया था. उसका कितना पालन हो रहा है यह भी देखना था एवं 56 हजार बूथों पर बूथ कमेटी नीचे तक बने इसे भी देखना था जिसमें एक बूथ कमेटी में 15 से 20 कार्यकर्ताओं को रखा जायेगा. संगठन की क्या योजना है उसी में कार्यकर्ताओं से सामान्य मुलाकात करने आये हैं. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर नहीं आये हैं पर यह उसी का एक हिस्सा है. प्रदेश मंत्री सह अरवल के विधायक चितरंजन कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं का विचार जाना गया है. इसकी रिपोर्ट ईमानदारी से प्रदेश अध्यक्ष की टीम को दी जायेगी. अब वहीं से तय होगा कि आगे क्या किया जायेगा. पटना से आये पदाधिकारी में जिला प्रभारी प्रणव यादव भी मौजूद थे.
तरह-तरह की चर्चा
परिसदन में कार्यकर्ताओं में चर्चा थी कि यह एक तरह से जिलाध्यक्ष पद के लिए चुनाव ही हो रहा है. यह अलग बात है कि मतदान का तरीका बदल गया है. नाथनगर का एक मंडल कार्यकर्ता जोर-जोर से बोल रहा था कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है. यह ठीक नहीं हो रहा है. तभी एक महामंत्री स्तर के नेता ने कहा कि यह तो अनुशासनहीनत है, ऐसा नहीं होना चाहिए. इतना कहते ही दूसरे नेता ने कहा कि यहां तो ऐसा लगातार हो रहा है.
कोई सुनने वाला नहीं है. जिस स्तर के कार्यकर्ता को बुलाया गया था उसमें से कई ऐसे कार्यकर्ता आ गये थे जिन्हें बुलाया नहीं गया था. इस वजह से परिसदन में काफी भीड़ लग गयी थी. पहले तो पदाधिकारियों ने बाहर ही बैठ कर बात करनी शुरू की पर हल्ला होने के कारण बंद कमरे में एक -एक कर बात करने लगे. परिसदन में देर तक जिलाध्यक्ष नभय चौधरी सहित, विपिन शर्मा, दीपक वर्मा, निरंजन साह, विष्णु शर्मा, प्रमोद प्रभात, अरुण सिंह, बिंदी मिश्र सहित अन्य नेता जमे रहे.
जिलाध्यक्ष पद पर निगाहें
जिलाध्यक्ष की दौड़ में जहां वर्तमान जिलाध्यक्ष नभय कुमार चौधरी हैं जो अश्विनी चौबे के खेमे के हैं वहीं, सांसद शाहनवाज हुसैन के खेमे के विपिन शर्मा और दीपक वर्मा हैं. इसके अलावा योगेंद्र मंडल के नाम की भी चर्चा है. वहीं चौबे जी के खेमे में कई ऐसे नेता हैं जो पद की दौड़ में अंदर ही अंदर अपनी गोटी फिट करने में लगे हुए हैं.
उनके खेमे के ही कुछ नेता नहीं चाहते हैं कि दोबारा चौधरी जी को जिलाध्यक्ष बनाया जाये. उन लोगों का मानना है कि नये चेहरे को संगठन में जिलाध्यक्ष के पद पर मौका मिलना चाहिए. इससे जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा वहीं निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को पार्टी में बेहतर जगह मिलेगी. इसका लाभ लोकसभा चुनाव में पार्टी को जरूर मिलेगा.