फोटो मनोज :- आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में छात्र-छात्राओं से मिलने पहुंचे शंकराचार्य संवाददाता,भागलपुर. अनुशासन व समय पालन से ही जीवन में हम आगे बढ़ सकते हैं. समय के साथ चलने वाले ही छात्रों का जीवन सार्थक बन पायेगा. छात्रों को चिंतन करना है कि भावी जीवन कैसा हो. प्राचीन शिक्षा गुरुसन्निवेश शिक्षा थी, जो एक आदर्श शिक्षा पद्धति थी. उक्त बातें शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद तीर्थ महाराज जी ने कही. वे शनिवार को आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में छात्र-छात्राओं से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने छात्रों से कहा कि अंगरेजी जरूर पढ़े, लेकिन अपनी संस्कृति व परंपरा को नहीं भूले. उन्होंने छात्रों से डॉ राजेंद्र प्रसाद के आदर्श को अपने जीवन में उतारने का अपील की. शंकराचार्य के विद्यालय पहुंचने पर उप प्राचार्य रवि शंकर पांडे ने उनका स्वागत किया और छात्र-छात्राओं से परिचय करवाया. सचिव नरेश कुमार खेतान ने अंग वस्त्र भेंट किया. छात्रों ने वंदना प्रस्तुत कर स्वागत किया. मौके पर श्रवण कुमार बाजोरिया, गणेश शर्मा, मनोज पांडे, संजीत पाठक, अशोक कुमार, विजय शंकर, ममता झा, ओम प्रकाश शर्मा आदि उपस्थित थे.
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अनुशासन व समय का पालन करें छात्र
फोटो मनोज :- आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में छात्र-छात्राओं से मिलने पहुंचे शंकराचार्य संवाददाता,भागलपुर. अनुशासन व समय पालन से ही जीवन में हम आगे बढ़ सकते हैं. समय के साथ चलने वाले ही छात्रों का जीवन सार्थक बन पायेगा. छात्रों को चिंतन करना है कि भावी जीवन कैसा हो. प्राचीन शिक्षा गुरुसन्निवेश शिक्षा थी, […]
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