प्रतिनिधि , मुंगेर साहित्यिक संस्था रचना के तत्वावधान में बुधवार को प्रयोग धर्मी चित्रकार राधा मोहन सिन्हा की जयंती मनायी गयी. अध्यक्षता गजलगो छंदराज ने की. जबकि संचालन अंगिका के प्रसिद्ध कवि शिवनंदन सलिल ने किया. पटना शिल्प कला महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चित्रकार राधा मोहन सिन्हा को नमन करते हुए कवि एवं साहित्यकारों ने कहा कि उनका जीवन यात्रा हर मोड़ पर एक प्रेरक है. डॉ देवव्रत नारायण सिन्हा ने कहा कि उन्होंने चित्रकला की साधना की. पटना चित्र शैली में अध्ययन, चित्र प्रोट्रेट बनाने के लिए उन्होंने महादेव लाल के मार्गदर्शन में 14 वर्षों तक कठिन परिश्रम किया. छंदराज जी ने कहा कि राधा मोहन एक सच्चे साधक थे वे 1952-97 तक शिल्प कला परिषद के सचिव के रूप में सांस्कृतिक विरासत को एक नया आयाम दिया. इस दौरान उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण लेख लिखे. भारतीय कला में पटना शैली, पटना कलम का कमाल, मुंशी महादेव लाल, पटना स्टाइल ऑफ पेंटिंग उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज थे. शिवनंदन सलिल ने कहा कि उन्होंने बिहार में कला के क्षेत्र में एक नई लहर उत्पन्न की और उसी का परिणाम रहा कि बिहार में ललित कला व शिल्प कला के विद्यालय व महाविद्यालय खुले. पटना का आर्ट ऑफ कॉलेज उनकी अनुपम देन है. यदुनंदन झा द्विज ने कहा कि बिहार में आर्ट स्कूल की स्थापना राधा मोहन सिन्हा की देन है. मौके पर गुरुदयाल त्रिविक्रम, प्रो. जयप्रकाश नारायण, समाजसेवी प्रकाश कुमार, एसबी भारती, नारायण जालान, शैलेंद्र कुमार, उत्तम कुमार सिन्हा, ऋषि राज मुख्य रूप से मौजूद थे.
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जयंती पर याद किये गये चित्रकार राधा मोहन सिन्हा
प्रतिनिधि , मुंगेर साहित्यिक संस्था रचना के तत्वावधान में बुधवार को प्रयोग धर्मी चित्रकार राधा मोहन सिन्हा की जयंती मनायी गयी. अध्यक्षता गजलगो छंदराज ने की. जबकि संचालन अंगिका के प्रसिद्ध कवि शिवनंदन सलिल ने किया. पटना शिल्प कला महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चित्रकार राधा मोहन सिन्हा को नमन करते हुए […]
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