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हम ही विभागाध्यक्ष, हम ही शिक्षक

भागलपुर: कॉलेज में किसी भी विभाग में पठन-पाठन सुचारु रूप से संचालित करने के लिए कम से कम पांच शिक्षकों की जरूरत होती है. लेकिन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के मुख्यालय के ही पांच बड़े कॉलेजों के 20 विभाग महज एक-एक शिक्षक से चल रहे हैं. इन विभागों में जो शिक्षक हैं वही विभागाध्यक्ष हैं. वे […]

भागलपुर: कॉलेज में किसी भी विभाग में पठन-पाठन सुचारु रूप से संचालित करने के लिए कम से कम पांच शिक्षकों की जरूरत होती है. लेकिन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के मुख्यालय के ही पांच बड़े कॉलेजों के 20 विभाग महज एक-एक शिक्षक से चल रहे हैं. इन विभागों में जो शिक्षक हैं वही विभागाध्यक्ष हैं.

वे छुट्टी पर जाते हैं, तो कॉलेज प्रबंधन को सूचना जारी करनी पड़ती है कि अमुक शिक्षक इतने दिन छुट्टी पर हैं, लिहाजा विभाग में तब तक छुट्टी रहेगी. इस स्थिति में छात्र-छात्रओं के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. इन विषयों में गणित, केमिस्ट्री, अंगरेजी व हिंदी जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं. शिक्षकों की कमी के कारण क्लास में छात्रों की उपस्थिति नहीं हो पा रही है. स्थिति नहीं सुधरी तो सारे विभाग में आनेवाले समय में ताले लग जायेंगे.

इसलिए शुरू नहीं हुई पीजी की पढ़ाई

टीएनबी कॉलेज में पीजी विभाग शुरू करने के लिए जब विश्वविद्यालय की कमेटी विभागों की जांच करने के लिए पहुंची थी, तो कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया था कि पांच से कम शिक्षक वाले विभाग में पीजी शुरू नहीं किया जायेगा. इस कारण कई विभाग वंचित रह गये थे. वंचित रहनेवाले विभागों में वैसे विभाग भी शामिल थे, जिनमें एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं.

नैक से ग्रेडिंग को करेगा प्रभावित

कॉलेजों की नैक से ग्रेडिंग कराने में कॉलेज प्रबंधन को इस बात का उल्लेख प्रमुखता से करना पड़ता है कि उनके यहां किस विषय में कितने शिक्षक व छात्र हैं. उनकी पढ़ाई नियमित रूप से हो रही है या नहीं. ऐसे में कई कॉलेजों को इस मामले में परेशानी उठानी पड़ेगी.

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