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रामचरित मानस पढ़ने से दूर होता है दु:ख

-मानस सद्भावना सम्मेलन का दूसरा दिनफोटो नंबर : संवाददाता,भागलपुर रामचरित मानस को पढ़ने के बाद ही जीवन का सारा दु:ख दूर होता है. उक्त बातें झांसी से पधारे अंजनी शरण महाराज ने बुधवार को प्रवचन के दौरान टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज परिसर में कही. मानस सत्संग सद्भावना समिति की ओर से आयोजित मानस सद्भावना सम्मेलन के […]

-मानस सद्भावना सम्मेलन का दूसरा दिनफोटो नंबर : संवाददाता,भागलपुर रामचरित मानस को पढ़ने के बाद ही जीवन का सारा दु:ख दूर होता है. उक्त बातें झांसी से पधारे अंजनी शरण महाराज ने बुधवार को प्रवचन के दौरान टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज परिसर में कही. मानस सत्संग सद्भावना समिति की ओर से आयोजित मानस सद्भावना सम्मेलन के दूसरे दिन ठंड का असर दिखा और श्रद्धालु कम संख्या में जुटे. संबलपुर से पधारे भरत दास महाराज ने कहा कथा की जानकारी प्राय: सभी को होती है, किंतु कथा सार की जानकारी बहुत कम लोगों को रहती है. कथा से जीवन की व्यथा दूर होती है. कथासार से जीवन की व्यथा आती ही नहीं है. कानपुर की साध्वी कंचन ने भक्त और ज्ञानी के बीच के अंतर को समझाया. पंडित शंभु नाथ शास्त्री ने रामचरित मानस की महत्ता पर प्रकाश डाला. मानव प्रवक्ता रघुनंदन ठाकुर ने कहा रामचरित मानस का कुछ अंश ग्रहण करने से ही जीवन सफल हो जाता है. संतों ने कहा मानव जीवन में माता-पिता की भक्ति तथा सेवा कर ही भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है. इस मौके पर प्रधान संरक्षक दिवाकर चंद्र दुबे, अध्यक्ष मृत्युंजय प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष नवीन कुमार, महामंत्री विजय कुमार सिंह, सचिव उमेश प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिन्हा, प्रवक्ता महेश राय, राजाराम राय, सुनीता सिंह, पंडित अरुण शुक्ला, रणधीर कुमार सिंह, गौतम सुमन, दाऊद अली अजीज आदि उपस्थित थे.

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