– जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग में नवजात की बीमारी पर सेमिनार- कहा गर्भ में जांच कराने से कई बीमारियों का हो सकता है निदान वरीय संवाददाताभागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में शनिवार को विभागाध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा की अध्यक्षता में अंगों के पैदाइशी क्रियात्मक गड़बड़ी पर सेमिनार का आयोजन किया गया. डॉ सिन्हा ने बताया कि इस बीमारी का पता 1902 में सर आरची बोल्ड ग्रैरोड चिकित्सक वैज्ञानिक ने किया था. बाद में ऐसी 400 बीमारियों का पता चला. इनमें 30 बीमारियों की 1990 से आसानी से जांच द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. ऐसे बच्चों को इलाज से मानसिक एवं शारीरिक नि:शक्तता से निजात मिल सकती है. दुर्भाग्यवश बच्चों की यह बीमारी मिरगी, अविकसित ब्रेन, पठन-पाठन में कमी के साथ लीवर, हृदय, फेफड़ा, खून, चमड़ा, बाल, कान, हड्डी जैसे अनेक अंगों को प्रभावित कर क्रियाहीन कर देता है. स्नातकोत्तर छात्र डॉ गौतम ने इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर कहा कि गर्भ में पल रहे शिशुओं में ऐसे बीमारियों की पहचान की जा सकती है. जल्द ही यहां इन बीमारियों के जांच की व्यवस्था होने की संभावना है जिसे कम खर्च पर किया जा सकता है. सेमिनार में डॉ केके सिन्हा, डॉ सुशील भूषण, डॉ खलील अहमद, डॉ रिजवान अख्तर, डॉ राकेश कुमार, डॉ रमण किशोर, डॉ अमित कुमार, डॉ सिद्धार्थ नंदी, डॉ दीपक कुमार एवं अन्य मौजूद थे.
BREAKING NEWS
अंगों के पैदाइशी क्रियात्मक गड़बड़ी पर सेमिनार
– जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग में नवजात की बीमारी पर सेमिनार- कहा गर्भ में जांच कराने से कई बीमारियों का हो सकता है निदान वरीय संवाददाताभागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में शनिवार को विभागाध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा की अध्यक्षता में अंगों के पैदाइशी क्रियात्मक गड़बड़ी पर सेमिनार का आयोजन […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement