भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनके वर्मा से 50 से अधिक शिक्षकों ने शुक्रवार को वार्ता की. तकरीबन डेढ़ घंटे चली वार्ता के बाद कुलपति ने 80 प्रतिशत बकाया भुगतान के निर्देश को तत्काल स्थगित कर दिया.
कुलपति ने बताया कि वार्ता के दौरान उन्होंने शिक्षकों से लिखित रूप से मांगा कि वे 80 प्रतिशत भुगतान नहीं लेंगे. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के पास पूरी राशि उपलब्ध नहीं है. दूसरी तरफ 50 शिक्षक उनसे कहते हैं कि 80 फीसदी भुगतान नहीं लेंगे और शिक्षकों का दूसरा गुट कहता है कि जितना आया है, उतना ही दे दीजिए. फिर भी शिक्षकों को भरोसा दिया गया है कि कुलसचिव व वित्त पदाधिकारी के आने पर इस बात पर विचार किया जायेगा कि राशि कहां से पूरी की जायेगी.
वार्ता के बाद सीनेट सदस्य डॉ योगेंद्र ने बताया कि कुलपति ने स्वीकारा कि राज्यादेश का पालन करने से ही वेतन कटौती की समस्या दूर हो पायेगी और बकाया राशि का भुगतान सही रूप से हो पायेगा. उन्होंने बताया कि कुलपति से यह मांग की गयी कि राज्यादेश के आलोक में पेमेंट किया जाये. उनका कहना था कि राज्यादेश में 5859 मामले का जिक्र है.
राज्य सरकार ने कहा है कि इसका अनुपालन करते हुए भुगतान करें. दूसरी तरफ 5859 से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि कोर्ट से स्थगन है. डॉ योगेंद्र ने बताया कि कुलपति से कहा गया कि वे राज्य सरकार से 5859 से जुड़े शिक्षकों के लिए राशि की मांग करें. सरकार दे तो भुगतान हो, लेकिन दूसरे शिक्षकों का पैसा नहीं कटे. कॉलेज के आंतरिक कोष से राशि का डायवर्सन न हो. वार्ता के दौरान डॉ योगेंद्र, डॉ देवराज सुमन, डॉ आशुतोष कुमार दत्ता, डॉ ब्रजभूषण तिवारी, डॉ सुबोध मंडल, डॉ पवन कुमार सिन्हा, डॉ शैलेंद्र, डॉ शिव प्रसाद यादव, डॉ गिरीश चंद्र पांडेय, डॉ शिवशंकर मंडल, डॉ शाहिद, डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ शरत चंद्र राय, डॉ रमन सिन्हा, डॉ प्रेम प्रभाकर, डॉ आलोक रंजन, डॉ सीपी सिंह, डॉ एके श्रीवास्तव, डॉ धर्मशीला कुमारी, डॉ उदय कुमार मिश्र आदि मौजूद थे.