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बेटे संग पटना लौटे अश्विनी चौबे

पटना /भागलपुर: सूबे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा नेता अश्विनी चौबे उत्तराखंड त्रसदी से बच कर बुधवार को अपने बेटे अविरल शाश्वत के साथ पटना लौटे. त्रसदी में उनके आठ परिजनों ने किसी तरह जान बच पायी. छह परिजन पहले ही बिहार आ चुके हैं. अब भी वे उत्तराखंड त्रसदी की भयावहता से उबर […]

पटना /भागलपुर: सूबे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा नेता अश्विनी चौबे उत्तराखंड त्रसदी से बच कर बुधवार को अपने बेटे अविरल शाश्वत के साथ पटना लौटे. त्रसदी में उनके आठ परिजनों ने किसी तरह जान बच पायी. छह परिजन पहले ही बिहार आ चुके हैं.

अब भी वे उत्तराखंड त्रसदी की भयावहता से उबर नहीं पाये हैं. श्री चौबे ने पटना लौटने पर कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा राष्ट्रीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय त्रसदी घोषित हो. वहां कई देशों के श्रद्धालु मारे गये और आहत हुए हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड त्रसदी ने उन्हें जो दुख पहुंचाया है, उससे भी अधिक पीड़ा उन्हें उत्तराखंड और बिहार की सरकारें और दोनों राज्यों के अधिकारियों ने पहुंचायी है.

जिस दिन केदारनाथ में घटना हुई, उसी दिन उन्होंने उत्तराखंड के सचिव और स्थानीय थाने को सूचना दी, पर किसी ने उनकी या उनके परिजनों की खबर नहीं ली. बिहार सरकार के मंत्री-अधिकारियों को भी उन्होंने सूचना दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. गुजरात के एक पत्रकार और सुप्रीम कोर्ट के एक जज की मदद से मैं अपने परिजनों के साथ किसी तरह निकल पाया. उन्होंने सिर्फ मुङो और मेरे परिजनों को ही नहीं, बल्कि केदारनाथ में फंसे 450 अन्य लोगों को भी बाहर निकाला. हम अपने परिजनों के साथ दो दिनों तक मंदिर के गर्भगृह में फंसे रहे.

श्री चौबे ने फोन पर बताया कि थोड़ा और स्वस्थ होते ही वे भागलपुर आयेंगे. बुधवार को वे अपने सुरक्षाकर्मियों के परिजनों से मिले, सांत्वना दी और कुशलक्षेम पूछा. श्री चौबे ने कहा कि यह उनका दूसरा जन्म है. इतनी बड़ी त्रसदी उन्होंने कभी नहीं देखी थी. मौत को करीब से देखा.

लाशें बह रही थीं
श्री चौबे ने बताया कि केदारनाथ त्रसदी को याद कर रूह कांप उठती है. कई लोग तो भूख-प्यास से मर गये. मैंने वहां बहती हुई लाशें देखी हैं. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से सवाल किया कि यदि मौसम विभाग ने पहले ही सतर्क कर दिया था कि केदारनाथ न जाएं, तब तीर्थयात्रियों को वहां जाने की अनुमति कैसे दी गयी? उन्होंने कहा, मेरे साथ गये स्पेशल ब्रांच के सहकर्मी फुलन ओझा, देवेंद्र प्रसाद सिंह, पुलिस बल के अजय कुमार मिश्र, पुरोहित दीनानाथ झा, भतीजा रमण तिवारी, साढू व पत्रकार सुबोध मिश्र और साली संगीता मिश्र इस त्रसदी की भेंट चढ़ गये.

बिहार सरकार पत्थर दिल
श्री चौबे ने कहा कि आपदा में फंसे मेरे परिवार को किसी तरह भाजपा राजनाथ सिंह निकाल ले आये, पर बिहार सरकार का पत्थर दिल देखिए. दिल्ली में बिहार निवास पहुंचने पर अस्पताल जाने के लिए मैंने गाड़ी मांगी, तो नहीं दी गयी. बाद में बिहार भाजपा के राष्ट्रीय प्रभारी धर्मेद्र प्रधान और सांसद राधा मोहन सिंह की गाड़ी से अस्पताल गया. उन्होंने कहा कि पार्टी से ऊपर मानवता है. यदि मानवता का ख्याल नहीं रखा गया, तो दुनिया का विनाश हो जायेगा. पटना लौटने पर उनका हाल-चाल जानने प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, विधायक अनिल सिंह, विनोद नारायण झा, पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद, नगर पार्षद दीपक चौरसिया, प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मयूख, संजीव मिश्र और परशुराम शर्मा पहुंचे.

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