भागलपुर: बाढ़ ने घर बहाया, तो अस्पताल सहारा बना था. अब जब यहां से भी हटा दिया, तो कहां जायेंगे कहना मुश्किल है. उक्त बातें बुधवार को जेएलएनएमसीएच स्थित झोपड़ी में दुकान चलाने वाली बेगूसराय की नीलम देवी ने कही. उन्होंने कहा कि बेगूसराय के कोढ़ा बाजार में हमारा घर था.
बाढ़ में हमारा घर बह गया, उसके बाद 10 साल पूर्व हम यहां आ गये और चाय की दुकान खोल लिये. मेरे पति अजय चौधरी यहीं किराये का घर लेकर रहते थे और हम सभी लोग मिल कर दुकान चलाते थे. दुकानदार मनोज तांती, रीता देवी सहित अन्य ने कहा कि अब हमलोग बरसात में कहां जायेंगे. रीता के पति वरुण साह ने बताया कि मुङो हर्ट की बीमारी है. मेरी पत्नी दुकान चला कर मेरा इलाज व घर चलाती थी. अब कौन घर चलायेगा यह समस्या बनी हुई है.
बच्चों के चेहरे पर दहशत था और वे काफी डरे हुए थे. बच्चों ने बताया कि यह क्या हो रहा कुछ नहीं समझ में आ रहा है. ये लोग हमारी दुकान क्यों तोड़ रहे हैं. मेरे पापा ने बहुत मेहनत से इसे बनाया था. अब हमारी दुकान कैसे चलेगी. ग्राहक भी नहीं आयेंगे. कई महिलाएं काफी गुस्से में थी. उनका कहना था कि प्रशासन उन्हें उजाड़ने के पहले कुछ व्यवस्था करता तो हमारे लिए राहत की बात होती. अब जब हमलोग कमायेंगे नहीं तो हमारे बच्चे क्या करेंगे. उसे कहां से रोटी देंगे, इसकी चिंता किसी अधिकारी को नहीं है.
दुकान उजाड़ने के बाद एक वृद्ध ऐसे बैठ गया मानों उसकी पूरी जिंदगी की कमाई को किसी ने एक झटके में उड़ा दिया हो. पत्नी ने उसे लोटे में पानी लेकर दिया और ढ़ाढ़स बंधाते हुए कहा कि जो भी होगा सब ऊपर वाला ठीक कर देगा.