भागलपुर: हाय रे बेटा तोरा पानी में धकेल केय मार देलकौ. हारे रे सोना, कथी लह नहावे गैलये रे. यह करुण रुदन तिलकामांझी जवारीपुर निवासी राजू पासवान की पत्नी आशा देवी का है. वह बेटा भोला पासवान की रविवार को गंगा में डूब कर मरने से हुई मौत पर अपने घर में रोते-बिलखते बोल रही थी. भोला के घर में कोहराम मचा हुआ था. मां के साथ चाची और दो बहन मनीषा कुमारी व जूली कुमारी सब दहाड़ मार कर रो रही थी.
मां बार बार कह रही थी कि दो आदमी मेरे बेटे को घर से बुला कर ले गया और पानी में धकेल कर डुबा दिया. बुला कर ले जाने वाला चुपचाप घर में आकर बैठ गया और खबर तक नहीं किया. वह कह रही थी कि बुद्धिनाथ का बेटा मोती पासवान और एक अन्य मेरे बेटा को गंगा नहाने के लिए ले गया था.भोला कभी गंगा स्नान करने नहीं जाता था. उसे पहली बार घर से बुला कर ले गया था.
वहीं घटना के संबंध में पिता ने पुलिस को सिर्फ गंगा में डूबने से हुई मौत का बयान दिया है. उसे पता नहीं है कि भोला पानी में कैसे डूब कर मरा. राजू पासवान ने घर पर बताया कि भोला कभी-कभी होटल में काम करने जाता था.
भोला पांच भाई और तीन बहन है. भोला भाई में पांचवें नंबर पर था. रविवार को भोला घर से 10 बजे गंगा स्नान करने गया था. जब ग्यारह बजे के बाद भी वह नहीं आया तो हम उसे खोजने निकल गये. घाट तरफ जाने पर एक व्यक्ति ने बताया कि गंगा किनारे ठेला पर एक लड़का का शव रखा हुआ है.
जब घाट पर पहुंचे तो लोगों ने बताया कि पुलिस शव को अस्पताल ले गयी है. वहां जाने पर देखा कि भोला का शव बाहर में रखा हुआ है. मोहल्ले वाले बेटे का दाह संस्कार करने गये थे. हिंदू रिवाज के अनुसार बाप बेटे का शव लेकर नहीं जा सकता है, इसलिए दरवाजे पर सभी लोगों के आने के इंतजार में बैठे थे. रविवार रात दस बजे भोला का घर घुप अंधेरे में डूबा था. अंधेरे में ही मां बहन और अन्य महिला दरवाजे के पास रो बिलख रहीं थी. बगल के लोगों ने बताया कि भोला बड़ा ही प्यारा लड़का था. उसके भोलेपन के कारण सब उसे बेहद प्यार करते थे.