शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की कलमबंद हड़ताल पिछले 10 दिनों से लगातार जारी है. वरीय अधिकारियों द्वारा इसका निराकरण नहीं निकालने की वजह से इस बार लगभग 10 हजार नियोजित शिक्षकों के परिवार की दशहरा, दीपावली व छठ की खुशियां फीकी हो जायेगी.
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10 हजार शिक्षकों का वेतन फंसा
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की कलमबंद हड़ताल पिछले 10 दिनों से लगातार जारी है. वरीय अधिकारियों द्वारा इसका निराकरण नहीं निकालने की वजह से इस बार लगभग 10 हजार नियोजित शिक्षकों के परिवार की दशहरा, दीपावली व छठ की खुशियां फीकी हो जायेगी. कर्मचारियों की हड़ताल यूं ही चलती रही, तो सितंबर का मानदेय नियोजित […]
कर्मचारियों की हड़ताल यूं ही चलती रही, तो सितंबर का मानदेय नियोजित शिक्षकों को नहीं मिल पायेगा. कई शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों व दिवंगत कर्मियों के परिजनों को मिलनेवाला लाभ भी फाइलों में सिमट कर रह गया है. इसके अलावा शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य कार्यो को लेकर कार्यालय पहुंचनेवाले बच्चों के अभिभावक, विद्यार्थी आदि परेशान होकर लौट रहे हैं.
समस्या जटिल होती जा रही है. बावजूद इसके किसी भी वरीय अधिकारियों ने इस दिशा में पहल नहीं की है. यह स्थिति तब है, जबकि आरडीडीइ (क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक) कार्यालय के कर्मचारी आठ सितंबर से और डीइओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) कार्यालय के कर्मचारी 11 सितंबर से कलमबंद हड़ताल पर हैं. वे अनुसचिवीय शिक्षा कर्मचारी संघ की जिला इकाई के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि वे किसी भी परिस्थिति में अब वर्तमान आरडीडीइ राधे प्रसाद के साथ काम नहीं कर सकते. दूसरी ओर आरडीडीइ कहते हैं कि जब कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगें मान ली गयी, तो फिर हड़ताल का क्या औचित्य.
इस विवाद में शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक और खुद कर्मचारी भी पिस रहे हैं. शिक्षकों व कर्मचारियों को सितंबर का वेतन मिलना है. अक्तूबर में तीन महत्वपूर्ण पर्व दशहरा, दीपावली व छठ होना है. इन तीनों पर्वो में नये-नये कपड़े खरीदारी, पूजा-पाठ, मेला आदि पर खर्च होंगे. लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बिल तैयार हो पाना और वेतन मिलना मुश्किल दिख रहा है.
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