आज भी भारी बारिश की संभावना को लेकर अलर्ट
शनिवार को सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद रखने का निर्देश
भारी बारिश से नाथनगर थाना लबालब, साहेबगंज रोड पर चढ़ा बाढ़ का पानी
भागलपुर : बिहार के भागलपुर सहित पूर्व बिहार-कोसी के जिलों में एक तरफ बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है, दूसरी तरफ शुक्रवार को हुई मूसलधार बारिश ने बाढ़ पीड़ितों को तंबुओं में बंद कर दिया. भागलपुर जिले में डीएम ने अन्य क्षेत्र में बाढ़ की संभावना बढ़ने के कारण जरूरी सामग्री के स्टोरेज की अपील की है. मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े देखें, तो वर्ष 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि 24 घंटे में 92 एमएम बारिश हुई. वर्ष 2017 में 24 घंटे में सर्वाधिक 76.1 और 2018 में 17.4 एमएम ही वर्षा हुई थी. मौसम विज्ञान विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए दी है कि शनिवार को पूर्णिया, कटिहार, बांका, भागलपुर में भी बहुत अधिक भारी वर्षा हो सकती है.
इधर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन परिसर और पीजी महिला छात्रावास समेत लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी पहले से बाढ़ की चपेट में है. अब पीजी पुरुष छात्रावास रोड भी बाढ़ के पानी में डूब गया है. इधर भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने आगे के दिनों में भारी बारिश की संभावना के कारण हाइअलर्ट जारी किया है. एहतियातन 28 सितंबर को सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद कर दिया. उन्होंने बताया कि जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गुरुवार की रात से गंगा का बहाव ठहर गया है. भारी बारिश होने की संभावना है. इस कारण बाढ़ की और स्थिति भयावह हो जायेगी. उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने जरूरी सामान का स्टोरेज कर लें.
कटिहार जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है. इस बीच महानंदा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के बाद शुक्रवार को इस नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव रहा. कुरसेला में नदियों के उफान से बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. प्रखंड क्षेत्र का अधिकांश भू-भाग बाढ़ के चपेट में आ चुका है. मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ की स्थिति यथावत है.
अब तक हजारों बाढ़ पीड़ित परिवार अस्त-व्यस्त स्थिति में इधर-उधर फंसे हुए हैं. बाढ़ के बीच अब बारिश ने भी पीड़ितों की परेशानी को दोगुना कर दिया है. लखीसराय जिले में हरूहर नदी ने अपना रूप दिखाना प्रारंभ कर दिया है. बड़हिया नगर पंचायत में बीएनएम कॉलेज बड़हिया गंगा नदी के जलस्तर में दूसरे दिन भी जलस्तर में गिरावट जारी दिखी. बड़हिया टाल में बहने वाली हरूहर नदी के जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी जारी रहने से तीन पंचायतों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ रही है.
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बनाएं राहत कैंप : सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और मौसम विभाग की तरफ से जारी अलर्ट को लेकर शुक्रवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. एक अणे मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास में आयोजित बैठक में सीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में सिर्फ कम्युनिटी किचेन से काम नहीं चलेगा. इन इलाकों में पीड़ित लोगों को अधिक-से-अधिक राहत देने के लिए जगह-जगह रिलीफ कैंप की व्यवस्था की जाये. जिन गांवों में पानी प्रवेश कर चुका है, वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर तुरंत शिफ्ट करने की व्यवस्था करें. उन्होंने संबंधित इलाकों के डीएम को पूरी तरह से अलर्ट रहने का सख्त निर्देश दिया है. शनिवार को सीएम स्वयं बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थिति का जायजा लेने के लिए सभी डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे. मुख्यमंत्री ने पटना में भी विशेष रूप से निगरानी रखने का निर्देश दिया है.
बाढ़ पीड़ितों की संख्या
इस्माइलपुर : 32 365
गोपालपुर : 5850
नाथनगर : 39 400
सबौर : 26 600
रंगरा चौक : 23 500
खरीक : 2345
नवगछिया : 11000
सुलतानगंज : 20 500
नारायणपुर : 4700
शाहकुंड : 3350
बिहपुर : 6495
पीरपैंती : 6500
कहलगांव : 13 240
गोराडीह : 39
इन सड़कों पर यातायात ठप
गोराडीह-सन्हौला भाया मोहनपुर पथ.
शिवनारायणपुर-खबासपुर रोड वाया टपुआ रोड
पीरपैंती-बाबुपूर वाया बाखरपुर पथ.
बिहपुर-गोपालपुर पथ.