छोटी दोस्तनी गांव की थीं बच्चियां गोराडीह (भागलपुर) :थाना क्षेत्र के सारथ गांव स्थित नागनाथ स्थान के समीप रविवार की शाम करीब पांच बजे बिहुला विषहरी की प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोराडीह के छोटी दोस्तनी की चार बच्चियां डूब गयीं, जिनमें से दो मौत हो गयी. बच्चियां नागनाथ स्थान के समीन नवनिर्मित पुल के नीचे […]
छोटी दोस्तनी गांव की थीं बच्चियां
गोराडीह (भागलपुर) :थाना क्षेत्र के सारथ गांव स्थित नागनाथ स्थान के समीप रविवार की शाम करीब पांच बजे बिहुला विषहरी की प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोराडीह के छोटी दोस्तनी की चार बच्चियां डूब गयीं, जिनमें से दो मौत हो गयी. बच्चियां नागनाथ स्थान के समीन नवनिर्मित पुल के नीचे स्नान कर रही थीं. पुल बनाते समय पुल के पास मिट्टी भरने के लिए नदी को जेसीबी से खोदा गया था, जिसके कारण वहां पर काफी गहरी खाई बन गयी थी.
नहाते समय दोनों बच्ची उस खाई में डूब गयीं. मृत बच्चियां छोटी दोस्तनी के बबलू राम की पुत्री कोमल कुमारी (12) व सुंदर राम पुत्री चंदा कुमारी (11) हैं. कोमल सातवीं व चंदा छठी कक्षा में पढ़ती थीं. नदी में कुछ देर के अंतराल पर छोटी दोस्तनी की ही दो और बच्चियां कपिल राम की पुत्री राजनंदनी (11) और महेश दास की पुत्री (08) भी डूब गयीं.
उन्हें ग्रामीणों ने बचा लिया. कोमल व चंदा के डूबने के बारे में किसी को पता नहीं था. बाद में बचायी गयी दोनों बच्चियों ने उनके डूबने के बारे में बताया, लेकिन लोगों ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया.
विसर्जन के बाद जब सभी लोग अपने-अपने घर पहुंचे, तो कोमल और चंदा अंधेरा होने पर भी घर नहीं लौटीं. तब उनकी खोजबीन शुरू की गयी. नदी में तलाश की गयी, तो दोनों वहां डूबी मिलीं. उन्हें बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया. उनके परिजन एक बच्ची को जगदीशपुर और दूसरी को मायागंज अस्पताल ले गये थे. लोगों का कहना था दोनों बच्ची करीब एक घंटे तक पानी में डूबी रहीं.
गोराडीह के थानाध्यक्ष मो दिलशाद ने बताया कि बच्चियों के परिजनों की लिखित सूचना पर यूडी केस दर्ज की जायेगी और शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा.
एक साथ दो बच्चियों की मौत से गांव में मचा कोहराम:
छोटी दोस्तनी में एक साथ दो बच्चियों की मौत से गांव में कोहराम मच गया है. हादसे के बाद जब बच्चियों को इलाज के लिए जाया गया, तो गांव के लोगों को लगा कि शायद बच्ची बच जायेगी. लोग काफी देर तक यह जानकारी लेने मे जुटे रहे कि बच्ची की क्या स्थिति है. लेकिन, बाद में जब एक-एक कर दोनों के मौत की खबर आयी, तो गांव में मातमी सन्नाटा छा गया. बच्चियों की मौत की सुनकर जो परिजन घर में अपनी बच्ची को बचाने की प्रार्थना ईश्वर से कर रहे थे, वे सदमें मे आ गये. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों परिवार काफी गरीब है. कोमल बबलू राम के चार संतानों में सबसे बड़ी थी. वही चंदा अपने 11 भाई-बहनों मे दसवें नंबर पर थीं. परिजनों व ग्रामीणों ने सीओ से मुआवजे की मांग की है.