भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन न तो खुद परीक्षा विभाग की जांच करता है और न ही विजिलेंस से जांच करवाता है. यह स्थिति तब है, जबकि 11 मई 2013 को सिंडिकेट की बैठक में परीक्षा विभाग की जांच करवाने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर वह कौन सा डर है, जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा विभाग की जांच के मुद्दे पर हाथ डालना नहीं चाहता. जानकार बताते हैं कि विजिलेंस से परीक्षा विभाग की जांच करायी गयी होती, तो अब तक उन कचरों का परदाफाश हो गया होता, जिसके कारण विभाग प्रदूषण का शिकार है. विभाग में गड़बड़ी की बात कई बार सिंडिकेट की बैठक में उठी.
गत वर्ष सिंडिकेट की बैठक में विजिलेंस से जांच कराने का प्रस्ताव भी पारित किया गया. पूर्व कुलपति प्रो एनके वर्मा ने बताया था कि राजभवन को प्रस्ताव भेजा भी गया. इसके बाद राजभवन द्वारा उन आरोपों का उल्लेख प्रस्ताव में करने को कहा गया था जिसकी जांच विजिलेंस द्वारा करानी है. लेकिन आज तक आरोप गठित नहीं किया जा सका. विश्वविद्यालय छात्र संगठन इस विभाग की जांच की मांग करते रहे, लेकिन इस दिशा में पहल नहीं की जा सकी.