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खेत कोड़ते हैं कर्मचारी

भागलपुर: क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की स्थिति किसी दिहाड़ी मजदूर की तरह होकर रह गयी है. पदाधिकारी को चाय-पानी पिलाने के अलावा फाइलों को यहां-पहुंचाने वाले हाथ खुरपी व कुदाल चला रहे हैं. दिहाड़ी मजदूरी करनेवालों के लिए इसका भी समय निर्धारित है, लेकिन इन चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के लिए कोई […]

भागलपुर: क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की स्थिति किसी दिहाड़ी मजदूर की तरह होकर रह गयी है. पदाधिकारी को चाय-पानी पिलाने के अलावा फाइलों को यहां-पहुंचाने वाले हाथ खुरपी व कुदाल चला रहे हैं.

दिहाड़ी मजदूरी करनेवालों के लिए इसका भी समय निर्धारित है, लेकिन इन चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के लिए कोई समय तय नहीं है. कई बार सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक लगातार भी इसी तरह की मजदूरी करनी पड़ती है. क्योंकि साहब यही आदेश है. साहब का यह मौखिक आदेश कार्यालय परिसर के लिए नहीं बल्कि उनके आवास के लिए है. कर्मचारी भी साहब के इस आदेश को मानने के लिए मजबूर हैं.

क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में चतुर्थ वर्ग के छह कर्मचारी पदस्थापित हैं. बताया जाता है कि इनमें एक प्रतिनियुक्ति पर बाहर हैं. इन दिनों आरडीडीइ कार्यालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी मंदीप यादव, उचित मंडल, अशोक मंडल, सहदेव प्रसाद व सुधीर प्रसाद सिंह कार्यरत हैं. मंगलवार को पता चला कि इनमें से मंदीप यादव, उचित मंडल, अशोक मंडल व सहदेव प्रसाद आरडीडीई आवास पर खेती-बाड़ी का काम कर रहे थे. उपनिदेशक राधे प्रसाद का सरकारी आवास कार्यालय के बगल में ही अवस्थित है और यह काफी विशाल भी है.

आवास के आगे बड़ा सा लॉन भी बना हुआ है जिसमें कई तरह के पौधे व फूल-पत्ती भी लगे हुए हैं. इसी लॉन के खाली भू-भाग पर श्री प्रसाद कुछ खेती बाड़ी भी करते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें बाहर से मजदूर लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ही उनके आवास व पेड़-पौधों की देखभाल के साथ-साथ खेती-बाड़ी का भी काम करते हैं. पदाधिकारी का निर्देश होने के कारण सीधे तौर पर कर्मचारी इसका विरोध भी नहीं कर पाते हैं, लेकिन पिछले दिनों से इस बात को लेकर एक महिला कर्मचारी ने विरोध भी दर्ज कराया था और इसकी शिकायत प्रमंडलीय आयुक्त से की थी. शिकायत के आलोक में प्रमंडलीय आयुक्त ने चार जुलाई को ही इस संबंध में आरडीडीइ को पत्र भेज कर सख्त हिदायत दी थी. पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आदेशपाल से 24 घंटा कार्य नहीं लिया जाये, उनसे खेती-बाड़ी कराना बंद किया जाये, असभ्य शब्दों का उपयोग न हो, किसी कर्मी को मारपीट करने का आदेश न दिया जाये और अपने व्यवहार में शालीनता लायें. क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी के द्वारा भेजे गये इस पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि यदि किसी कर्मी द्वारा सही तरीके से कार्य नहीं किया जाता है तो उसके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाये. किसी को मारने का आदेश देना किसी तरह से सही नहीं है. इसके बावजूद अभी तक क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के आवास पर चतुर्थ वर्गीय कर्मी खेती-बाड़ी के काम में लगे हुए हैं.

बोले अधिकारी

चार बीघे का आवासीय प्लॉट है. इसकी सुरक्षा व लगे पेड़-पौधों व फूल-पत्ती की देखभाल के लिए यहां एक कर्मचारी पदस्थापित है. बारिश के दिनों में परिसर में घास अधिक उग आते हैं, तो इसकी सफाई के लिए कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मी सहयोग करते हैं. ऐसी परंपरा-सी बनी हुई है. यहां कोई खेती-बाड़ी नहीं होती है.

राधे प्रसाद, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक

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