भागलपुर: भागलपुर जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना फेल होने की नौबत आ गयी है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के रूप में जिले में खोले गये 16 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आज लगभग 46 कर्मियों की कमी ङोल रहा है.
खास बात यह कि इनमें 13 शिक्षिका के पद हैं, जिनके बगैर पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. शिक्षा विभाग जल्द इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है और कर्मियों के रिक्त पद भरे नहीं गये, तो भागलपुर की गरीब तबके की बेटियों के सपने को पंख नहीं लग पायेगा. सभी प्रखंडों में यह स्कूल खोला गया है. इसमें न सिर्फ शिक्षिका, बल्कि चार ऐसे विद्यालय हैं जहां सरकार द्वारा विभिन्न मदों में दी जानेवाली राशि का लेखा-जोखा कैसे रखा जाये, इसके जानकार (लेखापाल) का पद खाली है. तीन विद्यालयों का प्रबंधन करने के लिए वार्डेन नहीं है.
भगवान भरोसे विद्यालय को छोड़ दिया गया है. मुख्य रसोइया व सहायक रसोइया भी कई विद्यालय में नहीं है. यह स्थिति तब है, जबकि बच्चियों को 24 घंटे विद्यालय में ही रहना, खाना-पीना और पढ़ाई करना है. बच्चियों के भोजन पर असर पड़ने से उनके स्वास्थ्य बिगड़ेंगे. इससे पढ़ाई प्रभावित होगी और फिर योजना के सफलीभूत होने की गुंजाइश ढूंढ़ना मुश्किल हो जायेगा.