भागलपुर : बिहार पुलिस की वर्दी पहन थाने में तैनात जवान ने अपने साथियों व अधिकारियों का पहले विश्वास जीता, फिर कुछ दिनों में ही वह अपने व्यवहार और कार्य कुशलता से सबका चहेता बन गया. इसके बाद धीरे-धीरे उसने एक-एक कर तीस से ज्यादा जवानों को 7 से 8 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. चार साल बाद जब लोगों को शक हुआ, तो छानबीन शुरू हुई. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. यह जवान अपने साथियों से सात-आठ करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुका था.
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पुलिस की वर्दी पहन थाने में तैनात जवान ने अधिकारियों व साथियों से ठगे आठ करोड़, हुआ फरार
भागलपुर : बिहार पुलिस की वर्दी पहन थाने में तैनात जवान ने अपने साथियों व अधिकारियों का पहले विश्वास जीता, फिर कुछ दिनों में ही वह अपने व्यवहार और कार्य कुशलता से सबका चहेता बन गया. इसके बाद धीरे-धीरे उसने एक-एक कर तीस से ज्यादा जवानों को 7 से 8 करोड़ रुपये का चूना लगा […]
सिर्फ जवान ही इसके शिकार नहीं बने, बल्कि कई अधिकारी भी इसकी मीठी बोली का शिकार बन गये. सब कुछ गंवाने के बाद इसके साथी अब इसकी तस्वीर को व्हाट्सएप ग्रुप पर डालकर उसका पता जानना चाह रहे हैं. नकद इनाम की बात भी कही जा रही है. उसे तलाशने के लिए अब ठगी के शिकार बने कर्मी व अधिकारी दूसरे राज्य के जिलाें के चक्कर भी लगा रहे हैं. दूसरी ओर, सिपाही ने इन सबका फोन नंबर ब्लैक लिस्टेड कर रखा है. अंत में पीड़ित आवेदन लेकर एसएसपी आशीष भारती से गुहार लगाने पहुंचे.
एसएसपी को दिया आवेदन, कहा- शेयर बाजार का लाभ दिखा ठगे पैसे
आवेदन में आवेदक ने कहा है कि रांची के कोकर चौक स्थित हनुमान मंदिर के पास का निवासी सुनील कुमार पिता भिखारी सिंह रुपये लेकर फरार है. वर्तमान में सिपाही भोजपुर थाना धनसोई, दीघा में रहता है. 2018 में यह महिला थाना में प्रतिनियुक्त था.
आवेदन में आगे लिखा है इसी दौरान सुनील से दोस्ती हुई थी. इसने बताया शेयर मार्केट में पैसा लगा लाखों कमा रहे हैं. आप हमें पांच लाख रुपये दें और प्रति माह पैंतीस हजार रुपये मुझसे लें. इसके प्रस्ताव को हमने नकारते हुए सवाल पूछे कि आप सिपाही हैं यह काम कैसे कर सकते हैं, तो सुनील ने जवाब दिया यह काम अपनी पत्नी, भाई और पिता के नाम से करते हैं. देखो शेयर आइडी. वे लाेग नहीं माने, तो उसने अपनी पत्नी और भाई से भी बात करवा दी.
दोनों ने फोन पर कहा आप टेंशन न लें, बस प्रतिमाह 35 हजार रुपये बिना मेहनत के हमसे लें. उसकी बातों में आकर उन लोगों ने एसबीआइ बैंक के चेक के माध्यम से 5 लाख रुपये सुनील को दे दिये. रुपये लेने के बाद सुनील का मोबाइल बंद हो गया. किसी तरह उन लोगों ने पांच लाख का चेक सुनील से वापस लिया. जो आज तक कैश नहीं हुआ.
क्योंकि इसके खाते में कभी इतना पैसा रहता ही नहीं है. सुनील ने अब तक करीब तीस से भी ज्यादा सिपाहियों के पैसे शेयर के नाम पर लिये हैं. इन पैसों से उसने रांची में करोड़ों का फ्लैट खरीदा है. आरा और भागलपुर में भी उसकी जमीन है. सारा रुपया उसने शेयर मार्केट के नाम पर ले रखा है. लाख प्रयास के बाद इससे वाट्सएप से संपर्क हुआ, तो उसने कहा था कि आरा की जमीन बेच कर रुपये वापस कर देंगे. फिर सुनील ने उसका नंबर ही ब्लैक लिस्टेड कर दिया.
आगे आरोप लगाते हुए जवानों ने कहा है कि सुनील अपने परिवार वाले के साथ मिल कर ठगी का काम करता है. रांची में भी इसने कई लोगों से ठगी की है. जांच में पता चला कि इससे रुपये वापस लेने के लिए कुछ लोगों ने सुनील के पिता का अपहरण का भी प्रयास किया. अंत में इसने समझौता कर मामले को शांत किया.
महिला थाने में ड्यूटी कर अधिकारियों के साथ भी की ठगी
सुनील के साथियों ने बताया कि 2014 से 18 तक वह महिला थाने में तैनात था. इसकी ठसक देखने लायक थी. आम लोगों की परेशानी वह प्रेेम से सुनता था. इसे दूर करने का भी प्रयास करता था. धीरे-धीरे अधिकारियों के चैंबर में भी वह बिना रोकटोक प्रवेश करने लगा. पूर्व के एक अधिकारी को भी इसने सात लाख का चूना लगाया है. नाम बदनाम न हाे, इसलिए अधिकारी तबादले के बाद भी चुप हैं. हर कोई सुनील को तलाश रहा है.
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