इस साल भागलपुर को चार बड़े तोहफे मिलेंगे. 17 को पीएम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का शिलान्यास करेंगे. तो गंगा में डॉल्फिन का अहित करनेवाले, जाल लगाने और प्रवासी पक्षियों के शिकार करने पर रोक लगेगी. विक्रमशिला एक्स की बाेगी पर मंजूषा पेंटिंग की जायेगी. वहीं भागलपुर में जल्द ही एक ऑडिटोरियम बनेगा.
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का17 को पीएम करेंगे शिलान्यास
भागलपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 फरवरी को बरौनी में कार्यक्रम है. इस दौरान भागलपुर में बन रहे सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का वह रिमोट से शिलान्यास करेंगे.
असम की एजेंसी कर रही काम : 200 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का निर्माण माउंट कार्मल स्कूल के बगल में असम की एजेंसी तेजी से कर रही है. यह अस्पताल पांच एकड़ भूमि पर बन रहा है. अभी मिट्टी खुदाई का काम चल रहा है. इसके निर्माण से पूर्वी बिहार व झारखंड के कई जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा. उन्हें बाहर जाकर इलाज कराने की समस्या से निजात मिल जायेगी.
160 बेड का होगा अस्पताल
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ हेमंत कुमार सिन्हा ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 160 बेड होंगे. इसके निर्माण से पूर्व बिहार के हजारों मरीजों को सहूलियत होगी. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना से माउंट कार्मेल स्कूल के पास मेडिकल कॉलेज की जमीन पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है.
ये विभाग रहेंगे अस्पताल में
यहां नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, ट्रामा वार्ड, इमरजेंसी मेडिसीन, कार्डियेक सर्जरी, कैंसर विभाग और वरीय नागरिकों के इलाज के लिए जेरिएट्रिक्स विभाग का निर्माण होगा. अस्पताल अधीक्षक राम चरित्र मंडल ने बताया कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे. मरीजों को आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाएं मिलेगी.
डॉल्फिन की सुरक्षा में रात में भी होगी पेट्रोलिंग, मिलेगा संरक्षण
भागलपुर : विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी, भागलपुर के गांगेय क्षेत्र में डॉल्फिन व जैव विविधता संरक्षण के लिए बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 68.36 लाख की योजना राशि की स्वीकृति दी है. इससे सुलतानगंज से कहलगांव तक के गंगा क्षेत्र में डॉल्फिन व अन्य जीव आदि के संरक्षण पर खर्च होगा. अब गंगा में डॉल्फिन का अहित करनेवाले, जाल लगाने और प्रवासी पक्षियों के शिकार करने पर रोक लगेगी.
इस योजना की स्वीकृति एकीकृत वन्य जीव पर्यावास विकास योजना के अंतर्गत दी गयी है. इसमें तत्काल 54.68 लाख खर्च करने की अनुमति दी गयी है. योजना का नियमित पर्यवेक्षण बिहार के मुख्य वन संरक्षक करेंगे और अनुश्रवण का दायित्व प्रधान वन संरक्षक सह मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक को सौंपा गया है.
इस योजना के तहत क्या-क्या होगा
इस योजना से दो मोटर बोट (छह से आठ सीटर) खरीदी जायेगी, जिससे गंगा में पेट्रोलिंग की जायेगी. वन विभाग के कर्मियों को दो दूरबीन दिया जायेगा. पांच हाइ बीम एलइडी सर्च लाइट (15 वाट) खरीदी जायेगी, ताकि रात में पेट्रोलिंग में कोई दिक्कत नहीं हो. पक्षियों के लोकेशन तय करने या पहले से तय लोकेशन पर पहुंचने के लिए दो जीपीएस रिसीवर रहेगा. गंगा के किनारे दियारा इलाके में जगह-जगह कैंप रहेगा, इससे डॉल्फिन व पक्षियों के शिकारियों पर नजर रखी जायेगी. श्रावणी मेला के दौरान सुलतानगंज में विशेष पेट्रोलिंग होगी. समाज में लोगों के बीच जाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा. स्कूली बच्चों के बीच पंपलेट व ब्रॉउसर्स का वितरण किया जायेगा.
अब भागलपुर से दिल्ली तक के लोग रोज देखेंगे मंजूषा पेंटिंग
भागलपुर : भागलपुर की लोकगाथा से जुड़ी मंजूषा चित्रकला को अब भागलपुर से दिल्ली तक के लोग रोज देख सकेंगे. अब तक कई ट्रेनों पर उकेरी जा चुकी बिहार की मिथिला पेंटिंग की तर्ज पर मंजूषा चित्रकला की पेंटिंग विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन पर की जायेगी. यह ट्रेन भागलपुर से दिल्ली और दिल्ली से भागलपुर के लिए प्रतिदिन खुलती है. ट्रेन में उकेरी जानेवाली मंजूषा चित्रकला में यह खासियत होगी कि लोग इसे देखकर भागलपुर की लोकगाथा को समझ सकेंगे और बिहुला-विषहरी की कहानी जान सकेंगे. डिवीजन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. विक्रमशिला एक्सप्रेस के एक एलएचबी कोच के रैक में मार्च में इसे उकेरा जायेगा. आने वाले दिनों में इस ट्रेन के अलावा दूर तक जाने वाली ट्रेनों में इस कलाकृति को ट्रेनों के डब्बों में उकेरा जायेगा. इसमें यूज होने वाले पेंट ऐसे हाेंगे जो बारिश में खराब न हों और सालों तक एक सामान रहेंगे. मालदा डिविजन की डीआरएम तनु चंद्रा ने बताया कि इस योजना पर तैयारी की जा रही है.
बिहार बजट में ऑडिटोरियम मिला, जल्द होगा निर्माण
भागलपुर : कला-संस्कृति की नगरी भागलपुर को बिहार के 2019-20 के बजट में तोहफा मिला है. यहां एक ऑडिटोरियम बनेगा. इसमें 600 लोगों के बैठने की क्षमता होगी और तमाम सुविधाओं से लैस होगा. कलाकारों से भरी कमोबेश हर गली वाला यह शहर वर्षों से एक ऑडिटोरियम की मांग कर रहा है. बजट में ऑडिटोरियम के शामिल हो जाने से मांग पूरी होने की उम्मीद हो गयी है. अब इसके जल्द निर्माण का इंतजार कलाकारों को रहेगा. भागलपुर में नाटक के मंचन के लिये प्रशासन की ओर से जो व्यवस्था है, वह किसी बंजर जमीन की तरह है. यहां न मंच है, न ध्वनि की व्यवस्था, न प्रकाश है और इस कारण दर्शकों की वो भीड़ भी नहीं, जो कभी हुआ करती थी. बावजूद इसके यहां के युवा रंगकर्मियों ने अपने बूते डंके की चोट पर देश को यह दिखा दिया है कि कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भागलपुर की पहचान थी, लेकिन सांस्कृतिक जमीन में अब भी जान बचा है. आज भी भारतेंदु नाट्य अकादमी, पुणे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आदि संस्थानों से प्रशिक्षित कलाकार इस शहर में रह कर नाट्य-विधा में जान फूंक रहे हैं. इसके लिये कई संस्थाएं भी काम कर रही हैं.
आॅडिटोरियम के साथ होगी आर्ट गैलरी
ऑडिटोरियम के साथ आर्ट गैलरी का भी निर्माण होगा. इसमें विभिन्न कलाकारों द्वारा तैयार उत्पाद प्रदर्शनी के रूप में शामिल की जायेगी. आर्ट गैलरी भागलपुर के कलाकारों को एक नयी पहचान देगी.
स्मार्ट सिटी भी तैयार कर रहा ऑडिटोरियम का प्लान
एक ऑडिटोरियम निर्माण का प्लान स्मार्ट सिटी परियोजना से भी तैयार किया जा रहा है. इस प्लान में टाउन हॉल को तोड़ कर एक नये ऑडिटोरियम के रूप में निर्माण किया जाना है. इसमें कार्यालय, शौचालय, गार्डन, पार्किंग, लाइटिंग आदि की व्यवस्था होगी.