भागलपुर: मारवाड़ी कॉलेज के एक छात्र पर आशिकी का बुखार इस कदर चढ़ा हुआ था कि क्लास रूम में भी वह पढ़ाई-लिखाई छोड़ एक लड़की को छेड़ने से बाज नहीं आता था. न तो उसे शिक्षक का डर था और न ही प्राचार्य द्वारा की जानेवाली कार्रवाई का खौफ.
आखिरकार लड़की ने हिम्मत जुटायी और अपने शिक्षक को सारी कहानी बतायी. शिकायत प्राचार्य कक्ष तक पहुंची और गुरुवार को जब उस लड़के को ब्लैक टीसी जारी करने की तैयारी शुरू की जाने लगी, तो लड़के का सारा नशा फट गया. इश्क का भूत उतर गया. लड़के ने किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं करने का वादा किया, साथ ही उसके अभिभावक ने भी प्राचार्य को भरोसा दिलाया. तय हुआ कि भविष्य में किसी भी तरह की छोटी भी शिकायत पर उस पर कार्रवाई होगी. इस पर प्राचार्य डॉ एमएसएच जॉन मान तो गये, पर उक्त वादे का इकरार लिखित रूप में कराया.
तब चारों ओर फैली पुड़िया की कहानी . घटना इसी वर्ष 15 अप्रैल की है. सभी छात्र-छात्रएं क्लास रूम में अपनी-अपनी सीट पर बैठ चुके थे और शिक्षक भी पढ़ाने के लिए आ गये थे. छात्राएं अगली सीट पर बैठी थीं और सभी छात्र उनके पीछे. उक्त लड़के ने एक कागज पर कुछ लिख कर एक लड़की के ऊपर फेंका, पर लड़की ने अनदेखा कर दिया. उसने दोबारा लड़की के ऊपर पुड़िया फेंकी. फिर भी लड़की ने अनदेखा कर दिया. इस पर उस लड़के ने अपने आसपास बैठे चार-पांच अन्य दोस्तों से भी लड़की के ऊपर कागज की पुड़िया फेंकवायी. लड़की के सब्र का बांध टूट चुका था. वह इस तरह की बदतमीजी बरदाश्त नहीं कर पायी. उसने विभाग के को-ऑर्डिनेटर के पास शिकायत की. को-ऑर्डिनेटर ने तत्काल लड़कों को बुलवाया और फटकार लगायी.
फिर भी नहीं हुआ डर
को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि अन्य लड़के की तो दोबारा शिकायत नहीं आयी, लेकिन लड़की को लगातार परेशान करनेवाले उक्त लड़के की फिर शिकायत आ गयी. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत प्राचार्य से की. प्राचार्य ने क्लास के सारे लड़कों को बुलाया और घटना के बारे में लिखित जानकारी मांगी. सबने जो कुछ भी लिख कर दिया, उसमें उक्त लड़के को दोषी ठहराया गया था. इस पर उक्त लड़के को बुला कर प्राचार्य ने 28 अप्रैल को फटकार लगायी, तो उसने फिर गलती नहीं करने का वादा किया. लेकिन एक माह बाद 29 मई को उसने फिर उक्त लड़की के साथ र्दुव्यवहार किया. कॉलेज कैंपस में ही उसे अपशब्द बोलने लगा. पर लड़की डरी नहीं. उसने इसकी शिकायत प्राचार्य से की. इस पर प्राचार्य ने लड़के की फाइल तैयार करवायी और उसके अभिभावक को सूचना भेज कर बुलवाया. अभिभावक अपने लड़के के साथ प्राचार्य के पास पहुंचे और फिर दोबारा ऐसी गलती न करने की कसम खायी और यह बात लिख कर भी दिया.
तब एक लड़की को दिखाया था बाहर का रास्ता
घटना वर्ष 2011 की है. गणित ऑनर्स में मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) के छात्र और वहीं की एक छात्र पढ़ रही थी. कॉलेज कैंपस में ही लड़का उस लड़की के साथ छेड़छाड़ करता था. इसकी सूचना कॉलेज प्रशासन को मिली. दोनों को कॉलेज में तभी प्रवेश करने की इजाजत देने की बात कही गयी, जब उनके अभिभावक आयेंगे. आखिरकार दोनों के अभिभावक पहुंचे. प्राचार्य ने दोनों की शादी करा देने का सुझाव दिया, लेकिन लड़की और उसके अभिभावक ने नहीं माना. इसके बाद लड़की को स्थानांतरण प्रमाणपत्र देकर विदा कर दिया गया था.