भागलपुर: रांची जानेवाली वनांचल एक्सप्रेस की स्थिति लोकल ट्रेन जैसी हो गयी है. यात्री अपनी मरजी से किसी भी बोगी में बैठ कर यात्र कर रहे हैं, लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है. भागलपुर से पीरपैंती स्टेशन तक एसी हो या स्लीपर किसी भी बोगी में पैर रखने की जगह नहीं रहती है. एसी बोगी में पायदान पकड़ कर लोग लटके रहते हैं. स्लीपर की स्थिति तो और भी बुरी है.
इस बोगी में चार बर्थ वाले सीट पर छह से सात यात्री बैठ जाते हैं. जिनका सीट आरक्षित है वो असहाय की तरह बैठे रहते हैं. अगर यात्री ने वरोध किया तो उसके साथ मारपीट की नौबत तक आ जाती है. मंगलवार को भागलपुर से पीरपैंती,साहेबगंज के रास्ते रांची जाने वाली वनांचल एक्सप्रेस की सभी बोगी में यात्री भरे हुए थे. इस ट्रेन में दो एसी बोगी है, लगता था मानो सभी यात्री इन्हीं दो बोगी में सफर करना चाह रहा हो. एसी बोगी में यात्री को पैर रखने की जगह नहीं थी. कई बार आरपीएफ के जवान की तत्परता से एसी बोगी में छात्र नहीं चढ़ते हैं, लेकिन चार जवान के सहारे पूरे ट्रेन की सुरक्षा कैसे होगी. जबकि रेल डीआइजी केएस अनुपम ने वनांचल एक्सप्रेस में यात्री की सुरक्षा को लेकर जवानों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिया था.
कहलगांव व पीरपैंती के यात्रियों को भी परेशानी
दूसरी ओर इस कब्जे से पीरपैंती व कहलगांव के लोग भी परेशान है. उनका कहना है कि वनांचल डाउन एवं इंटरसिटी डाउन से चलने वाले अधिकृत यात्रियों को नाजायज यात्र करने वालों के कोपभाजन होना पड़ रहा है. डाउन इंटरसिटी एक्सप्रेस को कहलगांव से मिर्जाचौकी के बीच कई जगहों पर वैक्यूम खोल कर रोक दिया जाता है. यात्रियों ने इस कुव्यवस्था पर मालदा डिवीजन के डीआरएम से लगाम लगाने की मांग की है.