भागलपुर : विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग की जांच टीम ने भागलपुर इंजीनियरिग कॉलेज में उपद्रव व हंगामा मामले की रिपोर्ट तैयार कर ली. गुरुवार को टीम पटना लौट गयी. विभाग के निदेशक अतुल सिन्हा की अध्यक्षता में गठित टीम के आठ सदस्यों ने चार दिनों तक छात्रों, शिक्षकों से पूछताछ की. रिपोर्ट को टीम के अध्यक्ष पटना मुख्यालय में जमा करेंगे. रिपोर्ट के आधार पर बीसीइ के कई छात्रों व शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है.
टीम के सदस्यों ने संकेत दिया कि रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल कर पूरी घटना में मध्यममार्गी रुख अपनाया जा सकता है. निदेशक अतुल सिन्हा ने बताया कि कमेटी ने मामले से जुड़े लगभग हर पक्ष से पूछताछ कर ली है. पूर्व और वर्तमान प्राचार्य को पटना बुला कर पूछताछ की जा सकती है. अब वे लोग पटना में अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. इस दौरान कमेटी को ऐसा लगा कि किसी पक्ष से बात करना जरूरी है तो फाइनल रिपोर्ट तैयार करने से पहले उस पक्ष से भी बात की जायेगी. हालांकि उन्होंने रिपोर्ट के बारे में कुछ भी बताने से इंकार किया. जांच टीम ने निदेशक की अगुवाई में पहले दिन हॉस्टल जाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले क्षितिज के कमरे की जांच की थी. वहीं दूसरे और तीसरे दिन बीसीइ के शिक्षकों से घटना को लेकर बयान लिया. जबकि चौथे दिन गुरुवार को परिसदन में टीम ने कॉलेज के कई छात्रों से पूछताछ की थी.
अटेंडेंस को लेकर जांच टीम ने बनाया दबाव. छात्रों से जांच टीम ने उपस्थिति को लेकर पूछा कि आप कक्षा में क्यों नहीं जाते हैं. इस पर छात्रों ने कहा कि आप हमारे शिक्षक से पूरी जानकारी लें सकते हैं, किसी भी छात्र का अटेंडेंस कम नहीं है. वहीं प्राचार्य आवास पर तोड़फोड़ के बाबत छात्रों ने कहा कि प्राचार्य बात बात पर छात्रों पर मुकदमा करते रहे हैं. छात्रों ने बताया कि प्राचार्य अगर कोई इवेंट करते थे तो वह छात्रों को इसकी पूरी जानकारी नहीं देते थे.
बीसीइ की मॉनिटरिंग पटना मुख्यालय से हो, छात्रों को अपनी बात रखने का मौका मिले. भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में उपद्रव के एक सप्ताह बाद कॉलेज के छात्रों को अपना पक्ष रखने का मौका गुरुवार को मिला. शहर के परिसदन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित जांच टीम के सदस्यों ने दर्जन भर इंजीनियरिंग के छात्र से मामले की पूरी जानकारी ली. साथ ही चल रहे गतिरोध व मनमुटाव खत्म करने के लिए छात्रों से सुझाव भी मांगे गये. छात्रों ने जांच टीम से मुख्यत: पांच बिंदु पर हस्तक्षेप करने की मांग की. इनमें छात्रों और कॉलेज प्रबंधन के बीच संवादहीनता को खत्म करने की बात कही.
छात्रों ने कहा कि छात्रों की बात को अनसुना कर उन पर आदेश थोपे जा रहे थे. विरोध करने पर छात्रों पर केस दर्ज होता रहा. इसके अलावा कॉलेज के संचालन के लिए पावर डिस्ट्रीब्यूशन की मांग की गयी. एक ही व्यक्ति पर पूरी जिम्मेदारी देने के बाद तानाशाही जैसी स्थिति पैदा हो रही है. जांच टीम से मांग की गयी कि छात्रों की मांग और कॉलेज के संचालन को लेकर पटना मुख्यालय से इसकी निगरानी की व्यवस्था हो. ऐसा न हो कि जब छात्र अपनी जान देने पर आमादा हो जाये तब मुख्यालय की नींद खुले. इसके अलावा कॉलेज प्रशासन के संचालन में भेदभाव को दूर करने की मांग की गयी. वहीं कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने, छात्रों के इलाज के लिये मेडिकल टीम का गठन व हॉस्पीटल की मांग की गयी.
जांच टीम गतिरोध को समाप्त करने पर सहमत. जांच टीम ने परिसदन के बंद कमरे में दोपहर 12.30 बजे से शाम पांच बजे तक बारी बारी से छात्राें से बातचीत की. पूरे घटनाक्रम को लेकर छात्रों के बयान को जांच टीम के सदस्य अपनी डायरी पर नोट करते रहे. छात्रों से पक्ष लेने के दौरान मौके पर निदेशक अतुल सिन्हा, सिटी डीएसपी राजवंश सिंह, एसडीओ आशीष समेत जांच टीम के अन्य सदस्य थे.
जांच टीम के चार दिनों की जांच का सार
छात्र और कॉलेज प्रबंधन के बीच कम्यूनिकेशन गैप पाया गया, एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव नहीं रखने पर बढ़ा विवाद.
14 सितंबर को कॉलेज खुलने के बाद शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रयास होगा. स्थानीय स्तर पर पहल करने की जरूरत, कॉलेज के संसाधन को बढ़ाया जायेगा.
कमेटी ने पाया कि छात्र शिक्षक पर अपनी बात मनवाने को दबाव बनाते हैं, कई बार छात्र और शिक्षक के बीच गाली गलौज की स्थिति बनी है.
जांच टीम ने छात्रों से वार्ता के दौरान छात्रों को समझाया बुझाया. कुछ मामले में जांच टीम ने छात्रों को कड़ी फटकार लगायी, वहीं कुछ मामले को लेकर सहानुभूति जताकर सहयोग का आश्वासन दिया.