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जिले के वरिष्ठ नागरिकों का बनेगा डाटा, थानाध्यक्ष रखेंगे विशेष नजर
भागलपुर : बेसहारा बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने नयी रणनीति तैयार की है. खासकर उन बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाएगे, जोकि अकेले रहते हैं. पुलिस महानिरीक्षक, कमजोर वर्ग ने इस संदर्भ में हर थाना क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों का डाटा तैयार कर थाना में रखने का निर्देश दिया […]
भागलपुर : बेसहारा बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने नयी रणनीति तैयार की है. खासकर उन बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाएगे, जोकि अकेले रहते हैं. पुलिस महानिरीक्षक, कमजोर वर्ग ने इस संदर्भ में हर थाना क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों का डाटा तैयार कर थाना में रखने का निर्देश दिया है. पुलिस महानिरीक्षक के पत्र के आधार पर भागलपुर एसएसपी ने भी इस संदर्भ में सभी थानेदारों को जल्द से जल्द सूची को तैयार करने का निर्देश दिया है.
थानों पर बनाए जा रहे वरिष्ठ नागरिक रजिस्टर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की देखभाल करने वाले नौकरों का भी ब्योरा होगा. नौकर का सत्यापन खुद पुलिस करेगी और उसे नौकरी पर रखवाने वाले से शपथ पत्र लिया जाएगा. थाना अध्यक्ष या थाना का कोई पुलिस पदाधिकारी वरिष्ठ नागरिकों के घर जाएंगे और बुजुर्गों से हर माह में कम से एक बार उनका हाल-चाल लेंगे. वरिष्ठ नागरिकों एवं माता-पिता की सुरक्षा एवं कल्याण बिहार, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली 2014′ के क्रम में पुलिस महानिदेशक की तरफ से 13 अगस्त 2018 को दिशा-निर्देश जारी किया गया था.
जिसपर एसएसपी ने इस संबंध में कड़े निर्देश देते हुए सभी थाना अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के बुजुर्ग की सूची तैयार करें. साथ ही पुलिस महानिरीक्षक, कमजोर वर्ग की ओर से भेजी गई विवरणी (फॉरमेट) को भरकर एसएसपी कार्यालय को सौंप दे. फार्मेट में वरिष्ठ नागरिकों का नाम-पता, आयु, लिंग, किसके साथ निवास करते हैं, मोबाइल या टेलिफोन नंबर, वरिष्ठ नागरिकों के विरूद्ध हुई घटना की प्रकृति, अपराध की तिथि, यथ विवेचित स्थिति, रजिस्ट्रीकृत अपराधों के अभियोजन, पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई, वरिष्ठ नागरिकों के लिये बनायी समिति सदस्यों का नाम-पता आदि का विस्तृत विवरण होगा.
वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान रखने के लिए हर थाना में बनेगी एक समिति प्रत्येक थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की सूची संधारित करेंगे, खासकर वैसे वरिष्ठ नागरिक जोकि घर में अकेले रहते हैं.
थाना का एक पदाधिकारी या पुलिसकर्मी, इलाके के एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ हर माह में कम से कम एक बार वरिष्ठ नागरिकों से संपर्क उन्हें सहायता करने का प्रस्ताव देंगे.
वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत/समस्याओं पर थानाध्यक्षों को करना होगा त्वरित कार्रवाई.
प्रत्येक थाना में एक या एक से अधिक ‘सामाजिक स्वयंसेवक समिति’ गठित की जाय. यह समिति वरिष्ठ नागरिकों, पुलिस और जिला प्रशासन से लगातार समन्वय बनाकर काम करेगी और उनसे संपर्क में रहेगी.
वरिष्ठ नागरिक अपने बचाव में क्या करें और क्या न करें, इसकी सूची बनाकर व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाय. इस संदर्भ में तैयार होने वाले सूची का एक फॉरमेट भी भेजा गया है. जोकि हर वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्ध कराना होगा.
वरिष्ठ नागरिकों के आग्रह पर उनके घरेलू नौकर का थाना स्तर से सत्यापन करना.
प्रत्येक थानाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिकों के विरूद्ध अत्याचार के संबंध में एक अलग रजिस्टर मेंटेन करेंगे, जोकि वरिष्ठ नागरिकों के विरूद्ध घटित घटनाओं से संबंधित होगी. रजिस्टर में प्रतिवेदित घटना से संबंधित कृत कार्रवाई और अद्यतन अभियोजन की स्थिति भी अंकित की जायेगी. पर्यवेक्षी पदाधिकारी द्वारा उक्त कांडों की समीक्षा की कार्रवाई भी रजिस्टर में मेंटेन करेंगे. उक्त रजिस्टर का निरीक्षण नागरिक भी कर सकेंगे.
थानाध्यक्ष अपने अपने थाना क्षेत्र में वरिष्ठ नागरिकों के विरूद्ध प्रतिवेदित कांडों की मासिक रिपोर्ट एसएसपी को सौंपना होगा.
एसएसपी द्वारा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा प्रतिवेदित कांडों की अद्यतन स्थिति, कांड में प्रगति और अभियोजन की स्थिति तथा निरोधात्मक कार्रवाई का प्रतिवेदन पुलिस महानिरीक्षक, कमजोर वर्ग को भेजना होगा. साथ ही इसकी एक प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी को भी भेजी जानी है.
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