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सदर अस्पताल में इलाज नहीं होेने से आक्रोशित हुए मरीज

भागलपुर : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) बिल 2017 के खिलाफ आइएमए के बैनर तले जिले के चिकित्सक हड़ताल पर रहे. 12 घंटे चले हड़ताल से सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी. मरीज के परिजन इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन उनका इलाज नहीं हो सका. सबसे ज्यादा परेशानी उन […]

भागलपुर : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) बिल 2017 के खिलाफ आइएमए के बैनर तले जिले के चिकित्सक हड़ताल पर रहे. 12 घंटे चले हड़ताल से सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी. मरीज के परिजन इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन उनका इलाज नहीं हो सका.
सबसे ज्यादा परेशानी उन मरीजों को हुई,जो दूसरे जिले से यहां सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आये थे.मरीज दिन भर ओपीडी खुलने का इंतजार करते रहे. मायागंज अस्पताल के सर्जरी विभाग में हड़ताल से आधा दर्जन से ज्यादा मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ. ओपीडी में आये मरीजों को इमरजेंसी भेजा गया. गंभीर मरीजों का इलाज चिकित्सकों ने किया. मायागंज अस्पताल में शनिवार को 380 मरीज आये. पहले से भर्ती मरीज और नये मरीजों से इमरजेंसी में अफरातफरी का माहौल था.
ओपीडी पूरी तरह ठप
भागलपुर : सदर अस्पताल में ओपीडी पूरी तरह ठप रहा तो इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को ही देखा गया. अफरातफरी के बीच सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार व्यवस्था का हाल जानने पहुंचे. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तीन चिकित्सकों को तैनात किया गया था, जबकि दो चिकित्सक ऑपरेशन कार्य कर रहे थे.
शनिवार को एक सौ से ज्यादा मरीज यहां आये. इनमें आधे से ज्यादा बिना इलाज के वापस हो गये. वारसलीगंज से चंदन कुमार अपने बेटे अंशु का इलाज कराने सदर अस्पताल ग्यारह बजे पहुंचे. करीब एक घंटे तक चिकित्सकों के पास घूमने के बाद भी अंशु का इलाज नहीं हो सका. मरीज आक्रोशित भी हुए. उन्हें सीएस ने शांत कराया.
मायागंज अस्पताल के सर्जरी विभाग में नहीं हुआ ऑपरेशन: मायागंज अस्पताल के सर्जरी विभाग में आधा दर्जन ऑपरेशन हड़ताल से नहीं हो सका. मरीज पूरी तैयारी के साथ अपना ऑपरेशन कराने यहां पहुंचे थे. ऐन वक्त में उन्हें कहा गया कि अब ऑपरेशन दूसरे दिन होगा, जिससे मरीजों में निराशा छा गयी. हालांकि इस विभाग के सभी चिकित्सक एक ही जगह बैठे थे. डॉ मुत्युजय ने बताया हड़ताल से आज इन सभी का ऑपरेशन नहीं किया गया. सभी का एक साथ ऑपरेशन दूसरे दिन किया जायेगा.
अाधा शटर गिरा निजी क्लिनिकों किया इलाज
भागलपुर .एनएमसी एक्ट के खिलाफ आइएमए के चिकित्सकों ने सदर और मायागंज अस्पताल का ओपीडी को ठप कर दिया. वो मरीज जो अपनी जिंदगी को बचाने सरकार अस्पताल की शरण में आते है वो दिन भर परेशान रहे. दूसरी और इस आंदोलन का असर शहर में चल रहे आधे से ज्यादा निजी क्लिनिकों पर नहीं दिखा. आम दिनों की तरह सुबह से देर शाम तक मरीज आते रहे और इलाज करा वापस होते रहे. इलाज पर किसी की नजर ना पड़े इसके लिए क्लिनिक का शटर आधा गिरा कर रखा गया था. हालांकि आइएमए अध्यक्ष समेत कई चिकित्सकों का क्लिनिक दिन भर बंद रहा.
सीढ़ी पर बैठ हांफ रहा था मरीज
वंशीपुर सनोखर से आया मरीज मलधर दास ओपीडी की सीढ़ी पर अपने एक साल की बच्चे को लेकर हांफ रहा था. पास खड़े परिजन इसकी हालत को देख परेशान हो रहे थे. परिजनों ने बताया कि मलधर को दम्मा रोग है. हमने इलाज करने की फरियाद लगायी, लेकिन किसी ने नहीं सुना और हमें इमरजेंसी में जाने को कहा. दूसरी तरफ नवगछिया का विनोद अपनी मां को गोद में लेकर आया था. उसने कहा, अब भगवान ही जाने मां का इलाज होगा या नहीं.
380 मरीजों में मात्र 15 का ओपीडी में इलाज
मायागंज अस्पताल के ओपीडी में 380 मरीज आये थे. इनमें मात्र 15 का इलाज ही ओपीडी में हो सका. शिशु और चर्म रोग विभाग में कुछ मरीजों का इलाज हो सका. आंख कान गला, मधुमेह, हड्डी समेत सभी विभागों में चिकित्सक हड़ताल से नहीं आये. यहां मरीज तो आये, लेकिन बिना इलाज वापस हो गये. हड़ताल से कई विभागों के कर्मचारी भी लापता थे. हड़ताल के बीच स्थिति का जायजा लेने अधीक्षक डॉ आरसी मंडल पहुंचे.

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