भागलपुर : रेलवे का कहना है कि ट्रेन में कंफर्म सीट को लेकर बहुत ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन स्थिति इससे उलट है. पीक सीजन हो या ऑफ सीजन, यात्रियों को रेल यात्रा के दौरान टिकटों के कंफर्म होने की मुसीबत से जूझना पड़ रहा है. गर्मी छुट्टी कब की समाप्त हो […]
भागलपुर : रेलवे का कहना है कि ट्रेन में कंफर्म सीट को लेकर बहुत ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन स्थिति इससे उलट है. पीक सीजन हो या ऑफ सीजन, यात्रियों को रेल यात्रा के दौरान टिकटों के कंफर्म होने की मुसीबत से जूझना पड़ रहा है. गर्मी छुट्टी कब की समाप्त हो चुकी है.
स्कूल-कॉलेज खुल चुके हैं, फिर भी रेलयात्रियों को एक-एक रिजर्वेशन टिकट कंफर्म होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. महीने-डेढ़ महीने पहले तक रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों का टिकट कंफर्म नहीं हो रहा है. रेलवे का कंफर्म टिकट देने के सिस्टम पर बातें तो हुईं, पर काम शुरू नहीं हुआ है.
रेलवे की रिजर्वेशन सिस्टम पुराने ढर्रे पर ही चल रही है. ट्रेनों में वेटिंग सूची 300 से 400 तक पहुंच चुका है, फिर भी रिजर्वेशन टिकट देने करने का सिलसिला जारी है. दावों की हकीकत यह है कि ऑफ सीजन में भी पीक सीजन जैसी लंबी वेटिंग लिस्ट इन दिनों भी बनी हुई है.
नये कोच पर रेलवे बोर्ड का ठेंगा
ट्रेनों में लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है और हर साल डिवीजन स्तर पर अतिरिक्त कोच उपलब्ध करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जाता है लेकिन, नये कोच नहीं मिल रहे हैं. यही नहीं, लोकल पैसेंजर ट्रेनों के कोच की संख्या बढ़ायी नहीं जा सकी है और न ही 22 कोच वाली ट्रेनों को चौबीस कोच में बदला जा सका.
मजे की बात यह है कि भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल को जाने वाली गरीब रथ में भी दूसरी रैक नहीं लगा सकी है. एक ही रैक से काम चला रहा है. यही वजह है कि यात्रियों का रिजर्वेशन टिकट कंफर्म नहीं हो पाता है.
थर्ड एसी में वेटिंग की संख्या एक भी तो मुमकिन नहीं कंफर्म होना
भागलपुर से आनंद विहार हो या लोकमान्य तिलक टर्मिनल या फिर सूरत अथवा हावड़ा आदि जगहों काे जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के थर्ड ऐसी में वेटिंग संख्या एक भी रहती है तो कंफर्म जल्दी नहीं होता है. जबकि रेलवे प्रशासन एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की बातें भर करता है. स्थिति ऐसी है कि ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनों में थर्ड एसी में वेटिंग लिस्ट 10 से अधिक बनी रहती है.