सबौर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में बहुचर्चित नियुक्ति घोटाला का अंतिम चार्जशीट न्यायालय में समर्पित करने की तैयारी अंतिम चरण में है. भागलपुर एसएसपी अनुसंधान कर्ता द्वारा की गयी जांच को फाइनल टच देने में लगे हैं. एसआइटी के नेतृत्वकर्ता सह कांड के अनुसंधान कर्ता वरीय डीएसपी रमेश कुमार कहते हैं कि नियुक्ति घोटाले में भले ही बहुत कम साइंटिस्टों पर आरोप पत्र गठित किया गया हो लेकिन नियुक्त साइंटिस्टों से ज्यादा जिम्मेदार स्क्रिनिंग कमेटी और एडमिस्ट्रेशन हैं. कॉपी एवं प्रमाणपत्र सहित डोकोमेंटों की जांच कमेटी के एक सदस्य द्वारा किया गया है. लेकिन उस पर स्क्रिनिंग कमेटी के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. इस वजह से वह पूर्णतया जिम्मेदार हैं. इतना ही नहीं नंबरों में कटिंग व ओवर राइटिंग किया गया है.
एसआइटी सूत्रों की मानें तो यह बहुत हद तक साफ दिख रहा है कि न्यायालय से वारंट की मांग की जा सकती है. इसके बाद गिरफ्तारी शुरू हो सकती है. इनमें विश्वविद्यालय के कई वरीय भी हो सकते हैं. बताया गया कि मात्र 13 जूनियर साइंटिस्टों पर गंभीर आरोप की प्रामाणिकता मिली है. जबकि उस वक्त के सभी वैसे स्क्रिनिंग कमेटी एवं एडमिस्ट्रेशन में शामिल लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है .