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कम पड़ी जमीन, पर पिघली सरकार बोले मंत्री- चलो पहला फेज बनाते हैं मामला डंपिंग ग्राउंड का

भागलपुर : स्मार्ट सिटी में शुमार हो चुके निगम क्षेत्र के लिये 10 एकड़ जमीन डंपिंग ग्राउंड का पेच बरकरार है. जिला प्रशासन से किसी तरह से कनकैथी में 4.6 एकड़ जमीन का जुगाड़ करके प्रस्ताव भेजा गया. नगर विकास व आवास विभाग निदेशालय में आधे से भी कम जमीन का प्रस्ताव जाकर फंस गया. […]

भागलपुर : स्मार्ट सिटी में शुमार हो चुके निगम क्षेत्र के लिये 10 एकड़ जमीन डंपिंग ग्राउंड का पेच बरकरार है. जिला प्रशासन से किसी तरह से कनकैथी में 4.6 एकड़ जमीन का जुगाड़ करके प्रस्ताव भेजा गया. नगर विकास व आवास विभाग निदेशालय में आधे से भी कम जमीन का प्रस्ताव जाकर फंस गया. निगम की बढ़ती आबादी को देखते हुए कचरा गिराने के लिए कम से कम 10 एकड़ जमीन की तलाश करने का पिछले दिनों मौखिक निर्देश हुआ. कहा गया कि 2011 में शहर की आबादी चार लाख थी. 2040 तक 10 लाख की आबादी होने की संभावना है. इस कारण 4.6 एकड़ सरकारी जमीन के बजाय 10 एकड़ जमीन की व्यवस्था हो.

अगर यह जमीन लीज नीति से संभव हो तो प्रस्ताव तैयार करके भेजा जाये. मगर स्थानीय स्तर पर स्मार्ट सिटी योजना में सबसे पहले वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने की जरूरत है. इस कारण 4.6 एकड़ जमीन के प्रस्ताव पर ही निदेशालय को मुहर लगाने का दबाव दिया गया. लोगों की पीड़ा को देखते हुए सरकार पिघल गयी है. नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने मसूरी में ट्रेनिंग पर गये विभाग के प्रधान सचिव चैके लौटते ही 4.6 एकड़ की फाइल पर मुहर लगाने का आश्वासन दिया. स्मार्ट सिटी के पहले फेज में वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरू हो जाये.

सरकार ने मांगी थी 10 एकड़ जमीन, 4.6 एकड़ ही कर पाये जुगाड़
4.6 एकड़ जमीन पर स्थापित होगा स्मार्ट सिटी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट
शहर का कूड़ा गिराने के लिए अलग से 10 एकड़ जमीन पर शुरू हुई चर्चा
नगर विकास व आवास विभाग में रखी है भेजी गयी डंपिंग ग्राउंड की फाइल
डंपिंग ग्राउंड की जमीन तलाश में बाबूगिरी
वर्ष 2016 में जगदीशपुर, नाथनगर, शाहकुंड, गोराडीह व सबौर में गैर उपजाऊ जमीन चिह्नित हुए.
तत्कालीन नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह के समय नवगछिया व शाहकुंड में भूखंड देखा, मगर ग्रामीणों के विरोध के कारण भूखंड आवंटित नहीं हो सकी.
कई मंत्रियों ने किये थे वादे
मंत्री से लेकर अधिकारी तक डंपिंग ग्राउंड बनाने का वादा करते रहे पूर्व नगर विकास मंत्री प्रेम कुमार, भोला सिंह, सम्राट चौधरी से लेकर मौजूदा नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी तक भागलपुर में डंपिंग ग्राउंड बनाने का वादा कर चुके हैं. इनके अलावा प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त और नगर आयुक्त तक इस मामले में तेजी से काम होने का दावा करते रहे.
स्मार्ट सिटी में कचरा डंपिंग सबसे बड़ी समस्या
प्रति दिन शहर में 400 एमटी कचरे का होता है निस्तारण.
जहां-तहां सड़क के किनारे व नदी नालों के समीप फेंका जाता है कचरा.
चंपानाला पुल के पास कचरा फेंकने से वहां पर दुर्गंध से दम घुटने लगा.
जगदीशपुर रोड व हवाई अड्डा के पास कूड़े की डंपिंग से वहां भी स्थिति खराब हो गयी थी.
कई बार गंगा किनारे पर भी कचरे की डंपिंग की जाती थी.
बोले नगर विकास मंत्री
प्र : भागलपुर से 10 एकड़ के बदले 4.6 एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा गया है, यह अभी तक लंबित है
उ : हां, मेरे संज्ञान में मामला है.
प्र: अभी तक आपके स्तर से निर्देश नहीं मिला है
उ : कचरे की समस्या है और इसके लिए डंपिंग ग्राउंड, तो आवश्यक है. जगह तो कम है, फिर भी पहले फेज में 4.6 एकड़ पर सहमति दे देंगे. इससे वहां पर प्लांट बन सके.

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