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बंदोबस्त कार्यालय में रखे सारे रेकॉर्ड अभिलेखागार में करें शिफ्ट

भागलपुर: बंदोबस्त कार्यालय में पुराने रेकॉर्ड में छेड़छाड़ व जाली दस्तावेज जारी होने के आरोप सामने आने की बात को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर बंदोबस्त प्रभारी जितेंद्र प्रसाद साह ने उक्त कार्यालय से सभी रेकॉर्ड की गिनती कराने की बात कही. फिर तमाम रेकॉर्ड वाले दस्तावेज […]

भागलपुर: बंदोबस्त कार्यालय में पुराने रेकॉर्ड में छेड़छाड़ व जाली दस्तावेज जारी होने के आरोप सामने आने की बात को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर बंदोबस्त प्रभारी जितेंद्र प्रसाद साह ने उक्त कार्यालय से सभी रेकॉर्ड की गिनती कराने की बात कही. फिर तमाम रेकॉर्ड वाले दस्तावेज को जिला अभिलेखागार में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है.

इस निर्देश के पीछे अभिलेखागार में जमीनी संबंधी दस्तावेज महफूज तरीके से रखना है. प्रशासनिक निर्देश की चिट्ठी अभिलेखागार को मिल गयी है. मामले में अभिलेखागार में बंदोबस्त कार्यालय के रेकॉर्ड को रखने की जगह की तलाश भी शुरू हो गयी है.
ये रेकॉर्ड अभिलेखागार में होते हैं : जिला अभिलेखागार में सभी अंचलों के जमीनी का खतियानी रेकॉर्ड रहता है. इसके अलावा एडीएम कोर्ट, डीसीएलआर कोर्ट, एसडीओ कोर्ट के पारित आदेश वाले कागजात रखे जाते हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर आवेदक अभिलेखागार में नकल फाइल करके रेकॉर्ड की सर्टिफाइड छायाप्रति प्राप्त कर सके.
आये मजिस्ट्रेट, मगर नहीं आयी पुलिस, जांच के लिए नहीं खुला ताला : बंदोबस्त कार्यालय में रखे रेकॉर्ड की इनवेंटरी बनाने के लिये गठित टीम सोमवार को कोई काम नहीं कर सकी. सदर अनुमंडल के निर्देश पर वहां पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट आ गये. मगर पुलिस के लिए दिन भर का इंतजार किया गया. दोबारा से सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी रघुवंश सिंह ने पुलिस को भेजने को लेकर बातचीत की. उन्हें भरोसा दिलाया कि मंगलवार को पुलिस की टीम आयेगी. बंदोबस्त प्रभारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम कार्यालय का ताला खोलकर वहां पर इनवेंटरी बनाने की कार्रवाई करेगी.
बंदोबस्त कार्यालय में कार्यरत कुछ कर्मियों ने किया था अलर्ट : ऐसी चर्चा है कि बंदोबस्त कार्यालय में ऑपरेटर के तौर पर तीन-चार कर्मी की तैनाती हुई थी. इन ऑपरेटरों ने काफी दिनों तक काम किया था, मगर उनका अनुशासन ठीक नहीं था. इस कारण उक्त ऑपरेटर का स्थानांतरण हो गया. मगर उन ऑपरेटरों ने बंदोबस्त प्रभारी सहित प्रशासन के पास एक शिकायत पत्र भेजा. पत्र में ऐसे 10 से 15 केस का उल्लेख किया गया, जिसमें गड़बड़ी होने की आशंका जाहिर की गयी थी. इस पत्र पर क्या कार्रवाई हुई, किसी को पता नहीं है. सूत्रों की मानें तो उन केसों की अगर पड़ताल हुई होती तो कुछ न कुछ सच सामने आता.
पुराने रेकॉर्ड की इनवेंटरी बनाने के दौरान गड़बड़ी का सच आयेगा सामने
पुलिस के नहीं पहुंचने के कारण रेकॉर्ड रूम का नहीं खुल सका ताला
बंदोबस्त कार्यालय के रेकॉर्ड को रखने की जगह की तलाश भी शुरू हो गयी है
बंदोबस्त कार्यालय में पूर्व में कार्यरत ऑपरेटरों ने भी दी थी शिकायत
उच्च वर्गीय लिपिक देवनारायण लाल दास के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश
डीएम प्रणव कुमार ने डेढ़ साल पूर्व तबादले के बावजूद प्रभार नहीं देने के मामले में उच्च वर्गीय लिपिक देवनारायण लाल दास के खिलाफ एक्शन लिया है. डीएम ने बंदोबस्त मुख्यालय को उक्त कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है. बताया जाता है कि इसमें अनुशासनहीनता बरतने सहित कई अन्य गंभीर बातों का भी उल्लेख हुआ है. सूत्रों की मानें तो मुख्यालय स्तर से ही उनके खिलाफ कड़े कदम उठाये जायेंगे.

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